Tuesday, January 23, 2018

बोलने में बरतें संयम



एक बार बहुत सारे मेढक एक साथ जंगल से गुजर रहे थे। तभी उनमें से दो मेढक एक गहरे खाई में गिर गये। दुसरे सारे मेढक खाई के चारों तरफ झुंड बनाकर इकट्ठे हो गये। जब उन्होंने देखा कि खाई बहुत गहरा है तो वे चिल्लाने लगे कि दोनों मेढक जिन्दा नही बचेंगे। इधर खाई में फंसे मेढक पूरी ताकत से उछल कर बाहर आने के लिए कोशिश कर रहे थे। लेकिन उनमे से एक मेढक चिल्ला रहे मेढकों की बातों में आ गया और घबराकर उसने अपनी कोशिश छोड़ दी और गिरने से वह मर गया। वही दूसरी मेढक जोर-जोर से अपनी कोशिशों में लगा रहा। इस बाहर खड़े मेढक जोर-जोर से चिल्लाने लगे कि वह उछलना बंद करे, छलांग लगाने से कोई फायदा नही होगा। इस पर मेढक और ज्यादा उछलने की कोशिश करने लगा और आख़िरकार वह उस गहरे खाई से बाहर निकल ही आया। जब वह बाहर आ गया तो बाहर खड़े मेढकों ने उससे पूछा,’क्या तुम्हें हमारी बात सुनाई नही दी थी? उत्साहित मेढक ने जवाब दिया,’मैं तो बहरा हूँ। आप लोगो ने मेरा इतना उत्साह बढ़ाया कि मैं लगातार कोशिश करता रहा और बाहर आने में सफल हो गया।

ध्यान रखें

workplace पर आपके कहे शब्द बहुत मायने रखते है। office में gossiping से दूर रहें और अपने सहकर्मियों के साथ सह्दयता से बातचीत करें। बातचीत के दौरान आवाज की सौम्यता, चेहरे के हाव-भाव और body language का ध्यान रखना भी जरूरी है। seniors को पूरा सम्मान दें और अपने मातहत काम करने वालों का उत्साहवर्धन करें। positivity words का इस्तेमाल आपकी image बेहतर बनाता है, वही खुद को दूसरे से बेहतर साबित करना, ऊँची आवाज में बात करना या किसी की बेइज्जती करने से आपकी image को गंभीर क्षति पहुंच सकती है। office में किस subject पर कितने विस्तार में बात करनी है, इसका भी ध्यान रखें। मसलन अगर planning से जुड़ी कोई उपयोगी योजना आपने बनाई है तो उस पर अपने सहकर्मियों के साथ विस्तार में चर्चा कर सकते है। पारिवारिक और अन्य गैरजरूरी विषयों पर चर्चा करने से यथासंभव बचें।





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