Tuesday, January 30, 2018

क्यों रहता है Digestion(हाजमा) सुस्त


digestion


हम क्या खाते हैकितना खाते हैकैसे खाते हैखुश होकर खाते है या tension व् हड़बड़ी मेंइनके जवाब तय करते है कि हमारा हाजमा(digestion) कैसा होगा। आधुनिक lifestyle व् खान-पान की गलत आदतों के कारण 85% लोग पाचन सम्बन्धी परेशानियां से जूझ रहे होते है। digestion से जुड़ी कुछ problem और उनके उपचार के बारे में जानकारी-

रोजमर्रा में हम अक्सर किसी न किसी पेट सम्बन्धी परेशानी से जूझ रहे होते है। आप तब तक fit नही हो सकतेजब तक आपकी पाचन शक्ति ठीक नही होती। भले ही आप कितने ही पौष्टिक आहार का सेवन कर लेंअगर पाचन तंत्र ठीक नही रहेगा तो इसका फायदा body को नही मिलेगा। इसलिए लोग अक्सर यह complain करते हुए पाए जाते है कि खाते तो हैपर body को लगता नही या कुछ खाते नहीफिर भी मोटे हो रहे है।

क्यों बिगड़ता है पाचन तंत्र

पाचन तंत्र body का important अंग है। यह भोजन को पचाता है और फिर पौष्टिक तत्वों और रसायनों को body के अन्य हिस्सों तक पहुंचाता है। हर समय की हड़बड़ीसमय-असमय खाना मात्रा पर ध्यान न देना और रोजमर्रा का tension, ये सब हमारे पाचन तंत्र पर दबाव डालते है।

हमारी भोजन नलीखाने को लाने ले जाने के लिए बना महज एक खोखला पाइप नही है। इसके कई हिस्से होते हैजहा कई तरह की गैस्टिक प्रक्रियाएं होती रहती है। कई तरह की कोशिकाएं बनती है,कई रसायन, enzyme व् hormones बनते हैजिनसे पाचन तंत्र के अन्य भाग जुड़ते है। एक तरह से हमारा पाचन तंत्र एक जटिल तंत्र हैजिसमे कई बार छोटी-छोटी गड़बड़ी भी स्थिति को serious बना देती है। ज्यादा खानाढंग से न चबानापौष्टिक भोजन न करना या फिर व्यायाम की कमी आपके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते है।

हाजमे से जुड़ी कुछ परेशानियां

डायरिया: डायरिया होने के कई कारणों में प्रमुख है virus और Bactria से होने वाला infection.अत्यधिक शराब पीनादूषित भोजन व् पानी या फिर tension की अधिकता डायरिया के कारण हो सकते है। body में तेजी से पानी की कमी होना डायरिया की स्थिति कही जाती है।

क्या करे: अगर लगातार पतले दस्त आते रहें तो doctor के पास जाना ही उचित रहेगा। दो से तीन तक डायरिया रहता है तो इससे dehydration हो जाता है और स्थिति serious हो जाती है। एंटीडायरल medicine ले। सामान्य दस्त होने पर पानी व् रसदार चींजे अधिक लें।

पेट फूलना: खानपान और अनियमित lifestyle के कारण पेट में swelling हो सकती है। इसका कारण कब्ज,gas, food allergy, अधिक शराब पीनापेट की कोशिकाओं के विरुद्ध प्रतिरक्षा तंत्र द्वारा antibody छोड़ने से हुआ infection आदि कुछ भी हो सकता है।

क्या करें: अधिक तला-भुना, fast food, डिब्बाबंद आहार खाने से बचें। cold drinks या अन्य तरल पदार्थ भी पेट में swelling का कारण हो सकते है। doctor से contact करे। fruits व् vegetables का सेवन अधिक करें।

Peptic Ulcers: peptic ulcers पेट में या आंत की परतों में हुए घाव या छालों को कहते है। पेट में जलन और दर्द होना इसका आम लक्षण है। अधिकतर मामलों में पेट में छाले होने का कारण सुजन रोधी medicine, आनुवांशिकताधुम्रपान व् शराब का सेवन देखने को मिलते है।

क्या करें: tension और अधिक मसालेदार भोजन peptic ulcers की स्थिति को और serious बना सकते है। खानपान में सुधार करके इस पर काबू पाया जा सकता है। रेशायुक्त fruit व् vegetables,लीन मीट, poultry products,fish,banana, साबुत अनाज खाएं और milk व् dairy products, उच्च बसायुक्त मांसचाय और coffee, शराब व् मसाले मुख्यतः मिर्च से परहेज करें। tension को control करें।

पेट में ऐंठन : पेट में ऐंठन या मरोड़ उठने के काफी साधारण कारण हो सकते है। जैसेperiods(माहवारी), virus और food poisoning, ख़राब खानाशौचालय से लौटने के बाद साबुन से हाथ न धोनापूरी तरह से पकाए बिना non veg खाना आदि।

क्या करें: साफ़-सफाई का ध्यान रख कर आप पेट में उठने वाली मरोड़ या ऐठन को काफी हद तक रोक सकते है। पेट में मरोड़ उठने के साथ आपको दस्त भी शुरू हो रहे हों और साथ में बुखार भी तो तुरंत doctor से मिले। लापरवाही से स्थिति serious हो सकती हैइसलिए इसे हल्के ना लें।

कब्ज: कब्ज एक आम problem हैजो भोजन की अनियमितता या कभी-कभी खाने की गलत आदतों के कारण होती है। कब्ज उस स्थिति को कहा जायेगाजब सामान्य से कम बार शौच के लिए जाते है। तीन दिन में एक बार से कम शौच के लिए जाना भी कब्ज की स्थिति माना जाता है। 

क्या करें: green vegetables और fruits जैसे पपीताअंगूरअमरुदटमाटरचुकन्दरअंजीरपालक का रस या कच्चा पालककिशमिश को पानी में भिगो कर खानेरात को मुनक्का खाने से कब्ज दूर करने में help मिलती है। Isabgol की भूसी को रात को सोने से पहले गर्म दूध में मिलाकर या फिर पानी में घोल कर भी ले सकते है।

Acid Reflux: एक पुराना रोग हैजो पेट में acid या पित्त के भोजन नली में पहुंचने के कारण होता है और उसकी दीवारों में जलन पैदा करता है। सीने में जलन इस रोग का संकेत हो सकता है। इसके लक्षणों में छाती में जलन के साथ होने वाला दर्द भी शामिल हैजो अक्सर भोजन के बाद होता है व् लेटने पर बढ़ जाता है।

क्या करें: lifestyle में परिवर्तन और बिना नुस्खे वाली medicine से राहत आमतौर पर अस्थायी होती है। कई बार आराम पाने के लिए doctor से उपचार और प्रभावशाली medicine लेनी जरूरी होती है। भोजन चबा-चबा कर खाएंताकि वह अच्छी तरह से लार में मिल जाएँ।

पेट में हवा Collect होना: gas निकलने के कई कारण हो सकते है। प्रमुख कारण है भोजन का सही तरीके से न पचना। इसके अलावा कम पौष्टिक खाना खाना और कुछ भी खा लेने की आदत भी पेट में gas बनाती है।

क्या करे: बार-बार होने वाली gas की problem से निबटने के लिए रहन-सहन में बदलाव करना जरूरी है। नियमित रूप से शौच के लिए जाना और स्वस्थ आहार आदतें gas से बचाते है।

कुछ बातें:

1-  350ml से एक liter तक लार रोजाना body में बनती है। भोजन पचाने में इसकी खास भूमिका होती है।

2-  400 के करीब bacteria की प्रजातियाँ मनुष्य के पेट में पायी जाती है।

3-  90% सेरोटोनिन और 50% डोपामाइन hormones का निर्माण आंतो में होता है।

4-  1.5 liter आहार एक व्यस्क के पेट में स्टोर हो सकता है।





  





Monday, January 29, 2018

Equity SIP के जरिये Share में निवेश पर मोटा Return

equity sip


share में निवेश को महंगा option समझा जाता है। इसकी वजह से आम निवेशक इससे दूर रहते है। जबकि equity systemic investment plan (equity sip) के जरिये share में निवेश का सस्ता माध्यम मौजूद है। share में एकमुश्त निवेश की तुलना में इसमें जोखिम कम है। इसमे 20 साल में 20% से भी अधिक का औसत return मिला है।

क्या है Equity SIP

SIP और equity sip mutual fund की scream है। साधारण तौर पर systematic investment plan(SIP) में निवेशक उन mutual fund के scream या fund में निवेश करते है जो share में पैसा लगाते है। इसमें एक अनुपात तय होता है कि कितनी राशि share में और कितनी अन्य माध्यमों में लगानी है। इसके विपरीत equity sip में निवेशक की राशि से स्वयं उसके द्वारा चुने हुए share खरीदे जाते है। इसके लिए राशि और समय पहले से तय होते है। equity sip में साधारण sip की तुलना में जोखिम ज्यादा होता हैपर इसमे return भी जबरदस्त है।

कितना मिलेगा Return

पिछले 10 साल में equity sip में 15% और 20 साल में 20% से भी ज्यादा return मिला हैजो share market के औसत return से भी अधिक है। आज महज एक हजार रूपये equity sip हर माह निवेश कर 20 साल में 20% के अनुमानित return पर करीब 24 लाख रूपये की पूंजी खड़ी कर सकते है। इसमे आपका मूल निवेश महज 2.40 लाख रूपये होगा और शेष मुनाफा होगा। साधारण sip के साथ ही equity sip भी लम्बी अवधि का निवेश है और धैर्य बनाये रखने पर इसमे मोटा return हासिल कर सकते है।

SIP निवेश पर जोखिम घटाता है

share में आप एकमुश्त 12 हजार रूपये लगाते है और एक महीने बाद market में 10% गिरावट आती है तो आपका निवेश घटकर 10,800 रूपये रह जाता है। दो माह बाद यदि 10% की तेजी आती है तो आपका निवेश बढ़कर 11,800 रूपये हो जायेगा। लेकिन इसके बावजूद मूल निवेश से 120 रूपये कम होगा जो सीधे तौर पर नुकसान है। वही sip में आप पहले महीने एक हजार लगाते है तो आपका निवेश घटकर 900 रूपये हो जायेगा। उसके अगले माह एक हजार रूपये निवेश पर आपका कुल निवेश बढ़कर 1090 रूपये हो जायेगा। अब दो माह बाद market में 10% तेजी आती है तो आपका निवेश बढ़कर 2090 रूपये हो जायेगा। इस तरह दो माह में ही आपको 90 रूपये यानी 4.50% का फायदा होगा। जबकि share में एकमुश्त निवेश पर नुकसान उठाना होगा। इस तरह sip के जरिये share में निवेश से जोखिम भी घटता है और मोटा return होने की सम्भावना ज्यादा रहती है।

सस्ता और आसान निवेश

आप sip में 500 रूपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते है। हालाकिं, equity sip में ज्यादातर company एक हजार रूपये से निवेश का option देती है। इसके बावजूद यह छोटी राशि है। छोटी राशि होने से मुश्किल वितीय स्थिति में भी इसमे निवेश जारी रखना आसान है। sip को छोड़कर mutual fund के अन्य scream में सामान्यत 5,000 रूपये न्यूनतम निवेश का option होता है। कुछ मौकों पर वितीय मुश्किल आने या job छूट जाने की स्थिति में तय समय पर इतनी राशि का इंतजाम भी मुश्किल होता है। जबकि sip या equity sip के लिए एक हजार रूपये का इंतजाम मुश्किल नही होता है।

राशि बढ़ाने का सुविधा

equity sip में आप न्यूनतम राशि के बाद निवेश राशि का खुद चुनाव कर सकते है और इसके लिए कई option है। आप अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार राशि का चुनाव कर सकते है। साथ ही आमदनी बढने पर equity sip में निवेश राशि में वृद्दि भी करवा सकते है। ज्यादातर company इसके option देती है। इसी तरह equity sip में आप सुविधा के मुताबिक प्रति दिनहर हफ्तेमहीने या तीन महीने के अन्तराल पर निवेश का option भी चुन सकते है।

कैसे करें फैसला

साधारण sip के विपरीत equity sip में share के चुनाव की जिम्मेदारी आपकी होती है। ऐसे में इसमे सावधानी जरूरी है। equity sip में बड़ी company (large cap),मझोली company (mid cap)और multi cap जिसमे large और mid cap के साथ छोटी company (small cap) भी शामिल होती है उन सभी में से चुनाव का विकल्प होता है। blue-chip share भी होते है जिसमे सामान्यत large cap share होते है। इनका प्रदर्शन अन्य के मुकाबले ज्यादा बेहतर होता है और जोखिम भी कम होता है। small cap में उतार-चढ़ाव होता है ऐसे में उसमे निवेश कम रखना ही फायदेमंद है।

निवेश का मौका हमेशा

share market में जब तेजी आती है तो उसे share बेचकर मुनाफा कमाने के अवसर के रूप में देखा जाता है। वही गिरावट की स्थिति में share को सस्ते में खरीददारी का मौका माना जाता है। इस तरह की स्थिति share में एकमुश्त निवेश करने वालों के लिए सही हो सकती है। लेकिन sip के जरिये share में निवेश शुरू करने का अवसर हमेशा मौजूद होता है। और इसकी एक बड़ी वजह औसत का गणित है। उपर के उदाहरण में हम देख चुके है कि equity sip में निवेश पर पहले माह 10% नुकसान होने और दुसरे माह में 10% फायदा होने के बाद अंतत: 4.50 का return मिलता है। यही औसत का गणित है। यह इसलिए होता है कि आप जितनी राशि पहले माह share में लगाते है तो profit या loss उतनी ही राशि पर होता है।

फायदों को समझें

20 साल में 20% से भी अधिक का मिला है return
10 साल में 15% के करीब के return मिला
500 से एक हजार रूपये में निवेश शुरू करने की सुविधा






Sunday, January 28, 2018

Motivational Story



बहुत अच्छा रहा पापा

paris opera house में एक famous singer का program था। सभी ticket बिक गयी थी। house खचाखच भरा था। manager में mike सँभालते हुए कहा,’friends, आपके इस सहयोग के किये thanks. मुझे खेद है कि जिन्हें सुनने के लिए आप सब एकत्रित हुए है, वे तबियत ख़राब होने के कारण नही आ पाएंगे। हमने उन जैसे ही एक दूसरे बेहतरीन कलाकार को बुलाया है। हमे यकीन है कि आप उन्हें पसंद करेगे।

यह सुनते ही hall में निराशा फैल गयी। यहाँ तक कि किसी ने उस व्यक्ति का नाम सुनना भी पसंद नही किया। अभी तक जो जो ख़ुशी वातावरण में थी, वह फीकी पड़ चुकी थी। नये कलाकार ने प्रस्तुति देनी शुरू की। program के अंत तक hall में असहज कर देने वाली शांति बनी रही। यहा तक कि किसी ने कलाकार के लिए ताली तक नही बजायी। अचानक बालकनी से एक एक बच्चे की आवाज आयी,’very good papa, मुझे लगता है है कि program शानदार था।‘

यह सुनते ही सब ठहाका मारकर हंसने लगे। life में कभी-कभार सबको कुछ ऐसे लोगो की जरूरत होती है, जो कहें कि आपने शानदार काम किया है।‘

पूरा यकीन है बेटा

एक पिता और बेटा जंगल में घूम रहे थे। रास्ते में पेड़ की बड़ी सी टहनी पड़ी थी। बेटे ने पिता से पूछा, ‘क्या मैं इस टहनी को हिला सकता हूँ?’

पिता ने कहा,’मुझे यकीन है कि अगर पूरी ताकत लगाओगे तो यह काम कर लोगे।‘

बच्चे ने पूरा दम लगाया, पर कुछ फायदा न हुआ। उसने उदास होकर कहा,’आप गलत थे पापा। मै इसे नही कर सकता।‘

‘दोबारा कोशिश करो’, पिता ने कहा।

दोबारा भी कोई फायदा नही हुआ। ‘मै इसे नही कर सकता’, बच्चे ने कहा। पिता बोले,’ अभी तुमने ताकत कहां लगायी है? तुमने मेरी help तो ली ही नही?

हम तब तक अपनी पूरी ताकत नही लगाते, जब तक अपनों को शामिल नही करते। उन लोगों के सहयोग और प्रतिभा के समर्थक और शुक्रगुजार नही होते, जो वास्तव में हमारे मकसद में हमें सहयोग देते है।








Friday, January 26, 2018

Love your Efforts (अपनी कोशिशों से करें प्यार)

Love your Efforts


हर कोई जीतना चाहता है। हार और जीत की खाई इतनी बढ़ चुकी है कि न हम हार को accept करते है और न ही जीतने के लिए की गयी कोशिशों को। क्या मंजिल ही एकमात्र ख़ुशी हैउस यात्रा के कोई मायनें नहीअगर जीतना ही सब कुछ है तो संघर्ष से डर क्यूँकाम से भागना क्यूँ?

उस दिन मेट्रो के लेडीज कोच में थोड़ी भीड़ थी। पीठ पर beg लिए एक लड़की हड़बड़ी में अपनी seat से उठी और दरवाजे की ओर बढने लगी।‘side please, मुझे उतरना है। जल्दी है, side दें।‘ एक लड़की ने पूछ ही लिया ’कहां उतरना है आपको।‘ लड़की ने जो बताया वह चार स्टॉप दूर था। वैसे यह बात वो भी जानती थी। दूसरी ने कहा,’ तो जल्दी क्या हैस्टॉप तो अपने समय पर ही आएगा। आपसे पहले मुझे उतरना है।

यूँ देखने पर यह बात time management से जुड़ी दिखती है। पर यह हमारा स्वभाव भी है। मंजिल तक पहुंचने की हड़बड़ी में हम यात्रा में लगने वाले जरूरी समय की प्रतीक्षा नही करना चाहते। उस संघर्ष से दूर भागते हैजो हमें मंजिल तक पहुंचाता है। रास्ते के कई पड़ाव अनदेखेअनछुएअनसुने रह जाते है। नतीजामंजिल पर पहुंचकर भी वो ख़ुशी नही मिल पातीजिसकी उम्मीद होती है।

खैरमेट्रो वाली लड़की समझदार थी। उसने तुरंत खुद को सहज किया। उसके बाद वह देख सकी कि सामने वाली line में उसकी friend खड़ी है। वह वहां चली गयी। शायद काफी दिन बाद मिले थे। चेहरा बता रहा था कि रास्ता अब बोझ नही लग रहा है।

प्रक्रिया पर हो Believe

सेहत, fitness या कोई अन्य लक्ष्य! हम दो तरह से काम करते है। एक में ध्यान प्रक्रिया पर होता है और दुसरे पर परिणाम पर। fitness व् health coach ब्रेट हैमिल्टन अपने blog ‘ब्रेकिंग मसल्स’ में एक लेख ‘trusting the process’ में लिखते है, ‘बड़ी success हासिल करने के लिए प्रक्रिया पर focus होना जरूरी होता है।‘ प्रक्रिया यानी हर छोटे-बड़े काम को पूरी सजगता से करना। वे कहते हैं,’प्रक्रिया पर ध्यान देने वाले लोग यात्रा का आनन्द ले पाते हैं। आत्मविश्वासी होते हैचूक कम करते है और गलती होने पर तुरंत संभल भी जाते है।

ख़ुशी रास्ते में है

जमीन पर खड़े होकर केवल पहाड़ देखते रहने से चढ़ाई नही हो सकती। पहली बार माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने वाले एडमंड हिलेरी ने कहा है,’ हम पहाड़ो पर नहीखुद पर विजय पाते है।‘ किसी ने जब उनसे पूछा कि एवरेस्ट चढ़ते हुए क्या कभी लगा था कि वे टॉप पर पहुंच पायेंगेजवाब में एडमंड ने कहा,’ बिलकुल नही। हमने यह सोचा था कि अपना सर्वश्रेष्ठ करेगे। जब हम पुरे विश्वास के साथ किसी चुनौती को accept करते है तो तो फिर हार-जीत के फेर में नही पड़ना चाहिए। जितनी बड़ी रुकावट पार करते हैउतनी ही ख़ुशी मिलती है। केवल उचाई पर पहुंचने से कही ज्यादा बड़ी है जिन्दगी।

‘the bold life’ blog की संस्थापक टेस मार्शल कहती है, ‘रास्तों की अनदेखी करने वाले लोग मंजिल पर भले ही पहुंच जाएँपर टिके नही रह पाते।‘ कर्म की बात हो तो श्रीकृष्ण याद आते ही हैं। आगे बढने वालों के लिए उनका एक ही मंत्र हैफल की चिंता मत करकर्म किये जा। और अक्सर हम वह जरूरी कर्म करने से ही चूक जाते हैं।







                             अपनी Problem का आप हैं समाधान



Thursday, January 25, 2018

अपनी Problem का आप हैं समाधान

professional problem


problems हमारी जागरूकता की कमी का नतीजा होती है और समाधान आंतरिक रूप से जागरूक होने के बाद मिलते है। life के हर आयाम को बेहतर बनाने के लिए भीतर से सजग होना बेहद जरूरी है।

पिछले कई सालों से मैं दुनियाभर के लोगो के सवालों और पशोपेश को हल करने की कोशिश कर रहा हूँ। ये सवाल अलग-अलग देश के लोगो के हैपर पैदा एक ही जगह से हो रहा हैं। मन के भीतर पैदा हुए असमंजस और अँधेरे के कारण ही ये सवाल पैदा होते है। मैंने यह महसूस किया है कि भले ही लोगो की परेशानियाँ अलग-अलग होपर इनका कारण एक ही है। लोग दुखी है,दर्द में है तो इसलिएक्योंकि वो पूरी तरह से सजग नही है। वे संकुचित मानसिकता के जाल में फंसे हुए है। इस मनोस्थिति में एक कदम भी आगे बढ़ाना उनके लिए किसी लड़ाई से कम नही है। life में परेशानी पैदा ही इसलिए होती हैक्योंकि हम वो करते है जो हमारे लिए प्रभावी साबित नही हो सकते। इस नाकामी से निराशा बढ़ती जाती है और energy कम होती जाती है।

famous scientist अल्बर्ट आइन्स्टाइन ने कहा भी है, ‘किसी भी problem का हल सजगता के उस स्तर पर नही मिल सकता हैजिस स्तर पर वह परेशानी पैदा हुई है।यानी life के उलझे सवालों के जवाब खुद को पहले से ज्यादा सजग बनाकर ही पाए जा सकते है। जब सजगता बढ़ती है तो डर खत्म हो जाता हैमन में नये विचार आते है और life में आगे बढ़ने के लिए जगह मिलती है। अपने अंहकार को अपनी life की कमान सौपने की जगह हम अपने असली स्वरूप को जिन्दगी की चाबी दे देते है। हमारी आंतरिक शांति,शुद्दता और ज्ञान हमारी जिन्दगी को दिशा देने लगते है। इस विकास क्रम में हम जैसे-जैसे आगे बढ़ते हैसम्पूर्ण सजगता हमारी पहुंच में आने लगती है। इस स्थिति में कोई problem हमारे लिए मायने नही रखती। संभावनाओ के अनंत द्वार खुल जाते है। संघर्ष खत्म हो जाते हैइच्छाएं अपने आप पूरी हो जाती हैं। हमें ऐसा महसूस होता है कि जागरूकता के इस स्तर तक पहुंचने में लम्बा समय लग जायेगा,जबकि सच्चाई यह है कि सम्पूर्ण सजगता हर पल हमें सही दिशा दिखाने कि कोशिश करती हैबशर्ते आप उस सन्देश को समझ सकें।

जागरूकता के तीन पड़ाव

आंतरिक सजगता के तीन पड़ावों को समझकर खुद की खोज की आपकी राह थोड़ी आसान हो जाएगी। मान लीजिये आप एक अंधेरे कमरे में चल रहे है और रोशनी के लिए आपके पास एक मोमबत्ती भर है। आप कमरे में रखे सामानों से टकरायेगें। खुद को अलग-थलग महसूस करेंगे। इसे संकुचित सजगता कहते हैं। अब imagine कीजिये कि आपके हाथ में किसी ने flash light थमा दी हैं। अब आपको कोई डर नही है। अब जक जो बाधाएं नजर आ रही थीउनका purpose भी समझ पा रहे हैं। सोफा नजर आ रहा हैजिस पर आप बैठ सकते है। books नजर आ रही हैजिन्हें आप पढ़ सकते हैं। music system नजर आ रहा हैजिससे आप गाने सुन सकते है। यानी कुछ समय पहले तक जो चीजें आपके लिए बाधा थीवही अब मौके में तब्दील हो गई है। आप एक चीज को दूसरी चीज से आसानी से जोड़ पायेंगे। इसे विस्तृत सजगता कहते है।

अब imagine कीजिये कि इस बार वह room, उसकी दीवारें, floor और यहाँ तक कि छत भी शीशे की बनी हुई है। पूरा कमरा सूरज की रोशनी से भरा हुआ है। अब आप बाहर देखेंगे तो महसूस करेंगे कि आपके पास अवसरों की कोई कमी नही है। पूरी दुनिया आपका मच है। यही आपका पूरी तरह से सजग होना है। अब आपके सामने कोई problem नही हैइसलिए उसके हल तलाशने की जरूरत भी नही है। अब आपको जिन्दगी में एक प्रवाह नजर आएगा और उसे आप अपने इशारों पर नचा पायेंगे।

अपनी Power को पहचानें

1-  अपने मन के कोने में छुपी अवधारणाओं और सोच पर नजर डालें।
2-  अपनी भावनाओं की जिम्मेदारी लें। दूसरों को दोष देना या दिखावा करना बंद करें।
3-  अपने option सीमित न रखें। प्रश्नों का हल कही से भी प्राप्त हो सकता है।
4-  विश्वास रखें कि problem का हल जरुर मिलेगाभले ही उसमें थोड़ा वक्त लग जाएँ।
5-  जिज्ञासु बनें। मन के बातें सुने। मन जो कहेंउस और कदम बढायें।
6-  अनजान राह पर चलने में परहेज न करें। आपके सवालों के जवाब वही कही मिलेगें।
7-  इस बात को accept करें कि हर कोईहर पल अपनी दुनिया में अलग-अलग तरह की चुनौतियों का सामना करता है।
8-  हर दिन का सामना एक नये दिन के रूप में करें।

जब आप इन तरीकों को अपनायेगे,अपनी पारंपरिक सोच और व्यवहार का साथ छोड़ेंगे तो सवालों के नये जवाब पाने की संभावना बढ़ जाएगी। आप यह समझ पायेंगे कि आपके अपने संघर्ष और कुंठा ने ही आपके विकास की गति को धीमा कर रखा था। आपको आत्मिक शांति मिलेगी और जिन्दगी में आगे बढ़ना आपके लिए आसान हो जायेगा।

इस article के writer Deepak chopra हैजो international ख्याति भारतीय मूल के अमेरिकी writer, modern motivational गुरु व् physician हैं। वह 75 से अधिक books लिख चुके हैं।


                                      www.deepakchopra.com



                                                      बोलने में बरतें संयम



                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                


Tuesday, January 23, 2018

बोलने में बरतें संयम



एक बार बहुत सारे मेढक एक साथ जंगल से गुजर रहे थे। तभी उनमें से दो मेढक एक गहरे खाई में गिर गये। दुसरे सारे मेढक खाई के चारों तरफ झुंड बनाकर इकट्ठे हो गये। जब उन्होंने देखा कि खाई बहुत गहरा है तो वे चिल्लाने लगे कि दोनों मेढक जिन्दा नही बचेंगे। इधर खाई में फंसे मेढक पूरी ताकत से उछल कर बाहर आने के लिए कोशिश कर रहे थे। लेकिन उनमे से एक मेढक चिल्ला रहे मेढकों की बातों में आ गया और घबराकर उसने अपनी कोशिश छोड़ दी और गिरने से वह मर गया। वही दूसरी मेढक जोर-जोर से अपनी कोशिशों में लगा रहा। इस बाहर खड़े मेढक जोर-जोर से चिल्लाने लगे कि वह उछलना बंद करे, छलांग लगाने से कोई फायदा नही होगा। इस पर मेढक और ज्यादा उछलने की कोशिश करने लगा और आख़िरकार वह उस गहरे खाई से बाहर निकल ही आया। जब वह बाहर आ गया तो बाहर खड़े मेढकों ने उससे पूछा,’क्या तुम्हें हमारी बात सुनाई नही दी थी? उत्साहित मेढक ने जवाब दिया,’मैं तो बहरा हूँ। आप लोगो ने मेरा इतना उत्साह बढ़ाया कि मैं लगातार कोशिश करता रहा और बाहर आने में सफल हो गया।

ध्यान रखें

workplace पर आपके कहे शब्द बहुत मायने रखते है। office में gossiping से दूर रहें और अपने सहकर्मियों के साथ सह्दयता से बातचीत करें। बातचीत के दौरान आवाज की सौम्यता, चेहरे के हाव-भाव और body language का ध्यान रखना भी जरूरी है। seniors को पूरा सम्मान दें और अपने मातहत काम करने वालों का उत्साहवर्धन करें। positivity words का इस्तेमाल आपकी image बेहतर बनाता है, वही खुद को दूसरे से बेहतर साबित करना, ऊँची आवाज में बात करना या किसी की बेइज्जती करने से आपकी image को गंभीर क्षति पहुंच सकती है। office में किस subject पर कितने विस्तार में बात करनी है, इसका भी ध्यान रखें। मसलन अगर planning से जुड़ी कोई उपयोगी योजना आपने बनाई है तो उस पर अपने सहकर्मियों के साथ विस्तार में चर्चा कर सकते है। पारिवारिक और अन्य गैरजरूरी विषयों पर चर्चा करने से यथासंभव बचें।





                                 तैयारी से शुरू करें New Career