Monday, March 5, 2018

विश्वास की दुनिया



The World of Faith

एक बार एक आदमी रेगिस्तान में कहीं भटक गया। उसके पास खाने-पीने का जो भी सामान था, वह खत्म हो चुका था। पिछले दो दिनों से वह पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहा था। वह मन ही मन जान चुका था कि अगले कुछ घंटो में अगर उसे कहीं से पानी नही मिला तो उसकी मौत पक्की है। पर हिम्मत करते हुए वह चलता रहा।

तभी उसे एक झोपड़ी दिखायी दी। उसे अपनी आँखों पर यकीन नही हुआ। पहले भी वह मृगतृष्णा और भ्रम के कारण धोखा खा चुका था। लेकिन फ़िलहाल कोई चारा नही था। वह अपनी बची-खुची ताकत से झोपड़ी की तरफ रेंगने लगा। इस बार भाग्य साथ था, सचमुच वहां एक झोपड़ी थी! पर ये क्या? झोपड़ी तो वीरान पड़ी थी! मानो सालों से कोई वहां भटका न हो। फिर भी पानी के उम्मीद में आदमी झोपड़ी के अंदर घुसा। अंदर का नजारा देखकर उसे अपनी आँखों पर यकीन नही हुआ। वहां एक हैंडपंप लगा था। पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसता वह तेजी से हैंडपंप चलाने लगा। लेकिन हैंडपंप कब का सूख चुका था। आदमी निराश हो गया। वह निढाल होकर गिर गया। तभी उसे झोपड़ी की छत से बंधी पानी से भरी एक बोतल दिखी! वह किसी तरह से उसकी ओर लपका! वह उसे खोलकर पीने ही वाला था कि तभी उसे बोतल से चिपका एक कागज दिखा। कागज पर लिखा था कि इस पानी का उपयोग हैंडपंप चलाने के लिए करें और वापस बोतल भरकर रखना नही भूलें।
यह अजीब सी स्थिति थी। आदमी समझ नही पा रहा था कि वो पानी पियें या उसे हैंडपंप में डालकर चालू करें। उसके मन में सवाल उठने लगे... अगर पानी डालने पर भी पंप नही चला.. अगर यहाँ लिखी बात झूठी हुई... अगर जमीन के नीचे का पानी भी सूख चुका हो... लेकिन क्या पता कि पंप चल ही पड़े... यह बात सच हो... वह समझ नही पा रहा था कि क्या करे!

कुछ सोचने के बाद उसने बोतल खोली और पानी पंप में डालने लगा। मन ही मन प्रार्थना भी करता रहा। पंप चलने लगा। उसमें से निकल रहा ठंडा पानी किसी अमृत से कम नही था। आदमी ने पानी जी- भर के पिया। दिमाग काम करने लगा। उसने बोतल में फिर से पानी भरा और छत से बांध दिया। वह जाने लगा तो सामने एक और शीशे की बोतल में पेंसिल और कागज देखा। कागज पर रेगिस्तान से बाहर निकलने का नक्शा बना हुआ था। उसने रास्ता याद किया और नक्शे को वापस बोतल में बंद रख दिया। अपनी बोतल में पानी भरने के बाद जब वह चल पड़ा तो फिर मुड़कर वापस आया और पानी से भरी बोतल को उतार कर उस पर चिपके कागज के नीचे कुछ लिखने लगा।


उसने लिखा- ‘मेरा यकीन करिए... ये काम करता है।‘









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