Saturday, January 20, 2018

Skin की सेहत पर होने वाले Problem

skin problem


skin body का सबसे बड़ा अंग है और बाहरी कारको के खिलाफ सबसे पहला सुरक्षा कवच भी। अक्सर जितना ध्यान हम skin की खूबसूरती पर देते है, उतना उसकी सेहत पर नही देते। सच यह है कि कई बीमारियों का सबसे पहला संकेत हमारी skin ही देती है। skin को कैसे रखे सेहतमंद आये जानते है...

skin की देखभाल से जुड़े तमाम तरह के products जितने आज है, उतने पहले कभी नही रहे। बावजूद इसके skin सम्बन्धी problem कम नही हुई है। धूप, दूषित हवा व् पानी की पहली मार झेलने वाली हमारी skin कितनी ही बार हमारी अपनी लापरवाही का शिकार होती है। अस्वस्थ lifestyle, tension की अधिकता, hormones असंतुलन, chemical product का अधिक इस्तेमाल व् कई तरह के संक्रमण हमारी skin को नुकसान पहुंचाते रहते है और skin असमय बूढी होने लगती है।

Skin देती है रोगों का संकेत

skin को जानना व् समझना बेहद जरूरी है। body में swelling व् pain का सबसे पहला लक्षण skin पर ही दिखता है। आमतौर पर skin की problem को हम body की अंदरूनी problem से जोड़ कर नही देखते। खासतौर पर पेट व् आंतो के हिस्से में जलन व् swelling, पेट में गडबडी चेहरे पर swelling व् लाली के तौर पर दिखती है। skin पर रैशेज पड़ना रूमेटाइड का एक प्रमुख लक्षण माना जाता है। skin की विभिन्न problem के पीछे hormones में बदलाव होना बड़ी वजह होता है। इसी तरह मुंहासे अधिक होना body में insulin के स्राव की अधिकता दिखाता है।

आँखों के आसपास काले घेरे पेट की problem को दर्शाते है तो skin का नीला पड़ना body में hemoglobin की कमी का सूचक है। thyroid या रजोनिवृत्ति के समय भी चेहरे पर झाइयां बढ़ने लगती है। गला, पलक, छाती,कांख, पेट व् जांघ के निचले हिस्से पर होने वाले मस्से का एक बड़ा कारण रक्त शर्करा का बढ़ना व् hormonal असंतुलन होता है। body में vitamins की कमी भी skin को खुश्क कर देती है और skin के कसाव को कम करती है।

Skin को असमय बूढ़ा होना

समय से पहले skin की उम्रदराज दिखना यानी झुरियां, काले धब्बे, skin का ढीलापन, चेहरे पर महीन रेखाओं का उभरना skin की आम problem है। इनका मुख्य कारण lifestyle से जुडी अनियमितता है, जिसके कारण skin की खुद को ठीक करने की क्षमता कम हो जाती है। पौष्टिक आहार की कमी, tension की अधिकता और धुम्रपान skin में फ्री radicals को बढ़ा देते है, जिससे skin को नुकसान पहुंचता है। sugar की अधिकता भी skin को नुकसान पहुंचाती है।

क्या करें:

healthy lifestyle अपनाएँ। retinal based product न लगायें।

एग्जिमा

दाद, खाज, खुजली की जाति का एक रोग एग्जिमा भी है, जो ज्यादा कष्टकारी है। इसमे body में खासतौर पर चेहरा, हाथ, पैर, कान का पिछला हिस्सा व् कोहनी के हिस्से पर लाल निशान पड़ने लगते है, जिनमें खारिश भी होती है। इसका कारण body का कुछ खाद्य पदार्थो के प्रति संवेदनशील होना व् पेट सम्बन्धी गडबडी होती है। गलत खान-पान भी इसकी वजह है। इसमें छोटे-छोटे दाने भी निकलने लगते है।

क्या करें

संवेदनशील पदार्थो से दूर रहें। दानो को छीलें नही। देर तक स्नान न करें। साबुन का उपयोग न करें। रोग को ठीक करने के लिए doctor antibiotic medicine भी देते है। सूत्रनेति, कुंजल तथा जलनेति करना भी फायदा होता है। जैतून के तेल का इस्तेमाल करें। omega-3 oil से मसाज करें।

चेहरे पर मुंहासे

यह skin की सबसे आम problem है, जो चेहरे पर लाल दानों, ब्लैकहेड्स, व्हाइटहेड्स और गाँठ के रूप में दिखती है। अधिक उत्तेजक व् मसालेदार भोजन करना, पोषक तत्वों की कमी व् hormonal असंतुलन के कारण ये होते है। खासतौर पर किशोरों में hormonal में बदलाव इसका प्रमुख कारण होता है। तैलीय त्वचा वालों में यह problem अधिक होती है। गलत खान-पान भी बड़ी वजह है।

क्या करें:

चेहरा साफ रखें। डर्मेटोलॉजिस्टि द्वारा बताये products का ही इस्तेमाल करें। दानो को छेड़े नही।

सोरायसिस

सोरायसिस skin की उपरी सतह का चर्म रोग है, जिसमें skin पर लाल spot बन जाते है। देखने में यह जख्म की तरह लगते है, जिनमें कई बार pain व् जोड़ के पास swelling भी देखने को मिलती है। आनुवांशिकता के अलावा पर्यावरण भी एक बड़ा कारण माना जाता है। पेट की गडबडी, immune system का अति active होना या भोजन का energy में परिवर्तित न होना भी वजह हो सकता है।

क्या करें


गले के संक्रमण से बचे। body की अंदरूनी सेहत का ध्यान रखे। vitamin A,E,D, omega-3 fatty acid body को अंदर से हील करता है। tension रहित रहें। 








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