Sunday, October 1, 2017

Change himself लेकिन आराम से

change himself


जिन्दगी है तो चुनौतियां है। चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अपने को बदलना भी कई बार जरूरी हो जाता है। कही ये बदलाव आप पर भारी तो नही पड़ रहा? क्या आप बदलाव के लिए सही रास्ता अपना रहे है?

वास्तव में ‘self confidence’ के सही मायने क्या है?

मेरे विचार से इसका अर्थ है कि हम अपनी सुरक्षित यथास्थितिको छोडकर एक ऐसे रास्ते का रूख करते है, जो बिलकुल नया होता है। प्राय: इसका अर्थ होता है कि हमे भय और संदेह पर विजय पाना है। इसे करने के दो रास्ते है- एक आसान और एक मुश्किल।

आप किसे चुनेगे: आसान या मुश्किल

मुश्किल तरीका यह है कि नये रास्ते पर फौरन चल पड़े, खुद को नये रास्ते के लिए सामंजस्य बिठाने का समय दिए बगैर। उदहारण के लिए, अगर आप ज्यादा exercise करना चाहते है तो मुश्किल रास्ता यह होगा कि आप हर सुबह आधे घंटे दौड़ लगाना शुरू कर दे। यह positive बदलाव को कमजोर करने का एक सुनिश्चित तरीका है। बदलाव के तीन स्तरों को अपनाने का आसान रास्ता है- comfort, stretch और stress.

1-  comfort यानि सुभीता हमारे अंदर गहरे जमी हुई आदतों का क्षेत्र है।

2-  stress अर्थात तनाव तब होता है, जब चुनौतियां इतनी ज्यादा बड़ी होती है कि उनके सामने हम पराजित- सा महसूस करते है।

3-  stretch अर्थात विस्तार या फैलाव वह क्षेत्र है, जिसमे निरंतर परिवर्तन होता है।


चलिए मान लेते है कि आप चाहते है, आपका body ज्यादा लचीला हो और आप इसके लिए नियमित रूप से stretch exercise शुरू करते है। अगर stretch करते समय आप अपने comfort जोन से आगे बढ़ते है तो कुछ नही होगा। लेकिन वही दूसरी तरफ जब आप अपनी मांसपेशियों पर ज्यादा दबाव डालते है तो आपके चोटिल होने का खतरा बढ़ जाता है। हालाकि अगर आप एक ऐसी स्थिति की ओर बढ़ते है, जहां थोड़ी असुविधा महसूस होती है तो आपके लचीलेपन में वृद्दि होती है।
comfort जोन का अपना महत्व होता है, उदहारण के लिए, जब आप stretch करते है तो stretch की अवस्था में तब तक रहे, जब तक आप सहज न महसूस करने लगे। उसके बाद ही मांसपेशियों और लिंगामेंट को बढाने के क्रम में किसी को stretch जोन में फिर से प्रवेश करना चाहिए।

परिवर्तन का सबसे उत्कृष्ट तरीका है- stress से बचते हुए comfort और stretch के बीच बारी बारी से आना-जाना आजमाते रहे। stretch जोन में असहजता का अहसास हो सकता है, क्योकि नये हुनर और व्यहार थोड़े अटपटे लग सकते है। यह बदलाव का एक पुरानी को नई आदतों के साथ लेकर चलता है। इसे ऐसे करके देखे-

1-  अपने हाथो को एक साथ मिलाइए।

2-  अब इसे ऐसे कीजिये कि जो अंगूठा पहले नीचे था, अब उपर आ जाए। ऐसा करने के बाद थोडा अटपटा लगा न!

3-  यह एक important क्षण होता है, जिसे हम उलझन की स्थिति कहते है, जब हम पुराने के साथ नये को मिलाते है।

4-  उलझन की अवस्था के बाद brain नये इनपुट को सुव्यवस्थित करना शुरू कर देता है और परिणामस्वरूप brain में नये रास्ते बनने शुरू हो जाते है। उलझन या भम्रका एक मतलब एक साथ बांधनाभी होता है। इसका अर्थ यह हुआ कि एक नई आदत डालने के क्रम में पुरानी आदतों का नए के साथ मिलन आवश्यक है।

stretch जोन brain की सेहत पर दूरगामी प्रभाव डालता है। stretch जोन में जाना आपके लिए अच्छा है। यह brain को healthy रखता है। यह पता चला है कि अगर हम नई चीजो को सीखना ( जो हमारे brain को नए विचारो के लिए रास्ते बनाने की चुनौती देती है) जारी नही रखते तो brain का क्षय होना शुरू हो जाता है, जिसकी परिणति डिमेंशिया, अल्जाईमर्स और brain के दुसरे रोगों के रूप में होती है।

एक study के अनुसार, लगातार stretch करना और खुद को चुनौती देते रहना हमे वजन कम करने में भी मदद देता है। शोधकर्ताओं ने लोगो से हर दिन कुछ अलग करने को कहा, जैसे कि- नये रेडियो स्टेशन सुनना आदि। उन्होंने पाया कि जिन लोगो ने ऐसा किया, उनका वजन कम हुआ या फिर उनका वजन नही बढ़ा। ऐसा क्यों है, निश्चित रूप से पता नही, लेकिन वैज्ञानिको का अनुमान है कि अपने रूटीन से बाहर निकल कर चीजे करने से अमूमन हममे ज्यादा जागरूकता आती है।

आपका झुकाव किस जोन में है?

1-  क्या आप comfort को बहुत important देते है? बदलाव पसंद नही? अगर ऐसा है तो आप उन लोगो में से हो सकते है, जो ज्यादातर comfort जोन में रहना चाहते है।

2-  क्या आपको सीखना और आगे बढना पसंद है? तब आप उन लोगो में से हो सकते है, जो अपना ज्यादातर समय stretch जोन में बिताना चाहते है।

3-  अगर आप अकसर तनावग्रस्त और थका-हारा सा महसूस करते है तो सकता है कि आप stress जोन में रह रहे है।

उलझन से होते हुए विकास की ओर बढने में अनजान चीजो को गले लगाने की जरूरत होती है। यह अनभिज्ञताहमे जीवन में कुछ नया पाने और उस तरीके से आगे बढने में मदद करती है, जिसकी कल्पना हमने पहले कभी नही की थी।

हमारे जीवन में important है ये तीन जोन

1-  comfort जोन शीतनिद्राकी अवस्था है। सर्दियों में जमीन के उपर कोई अंकुरण नही देखा जा सकता है, लेकिन पृथ्वी के अंदर जड़े बढती रहती है। ये मिट्टी को भेद कर बाहर आने और सूर्य के प्रकाश का आस्वाद लेने के लिए तैयार हो रही होती है। यह अवस्था रचनात्मक प्रयासों में बहुत आम होती है। इसे हम brain के तरंगित होने यानि इस विचार के जन्म लेने से ठीक पहले अनुभव कर सकते है।

2-  हमे उस समय stress जोन में रहने की जरूरत रहती है जब हमारा कोई सामना एक नई परिस्थिति से होता है, जिस पर बहुत जल्दी control पाने की आवश्यकता होती है।

3-  stretch जोन रचनात्मकता और नवप्रवर्तन का जोन है। आप तब तक नवप्रवर्तन नही कर सकते, जब तक कि आप विस्तार के इच्छुक न हो और अनजान राहों से गुजरते हुए नये की ओर प्रस्थान करने की इच्छा नही रखते।




# इस article के writer मैरी जैक्श जो जेन मास्टर, writer, motivation speaker और blogger.

खुशहाल जिन्दगी जीने हेतु व्याहारिक सूत्रों के लिए प्रेरित करना उन्हें अच्छा लगता है।









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