Sunday, November 19, 2017

Reject होने से लगता है डर !

reject in career


हर किसी के career में ऐसे कई मौके आते है, जब उन्हें लगने लगता है कि वे किसी काम के हैं ही नही। कितनी भी मेहनत कर ले, तरक्की के दरवाजे उनके लिए हमेशा बंद रहेगे। कभी भी उनके काम को पहचान नही मिलती। बार-बार अस्वीकार होने के यही लक्षण हैं।

office में कार्य करते हुए ऐसे कई मौके आते है, जब आप जी-तोड़ मेहनत के बावजूद मनचाही success पाने में नाकाम रहते है। बार-बार unsuccess होने की चिंता में डूबने लगते है। career निर्माण, jobs या सम्बंधित कार्य-कलापों में ऐसी चुनौतियों से भागने के भयंकर दुष्परिणाम जीवन भर भुगतने पड़ते है। अगर आप गौर करेगे तो देखेगे कि आपकी पिछली हर unsuccess ने आपको कुछ न कुछ सिखाया ही है। अगर उन कमियों को ध्यान में रखते हुए आप आगे बढ़ेगे तो निश्चित ही आपके काम की न सिर्फ सराहना होगी, बल्कि आप खुद को भी एक पायदान उपर पायेंगे। आइये जानते है कि ऐसे वे कौन से मौके होते है, जब आप अस्वीकार होने के डर के ओत-प्रोत खुद को पाते है। साथ ही जानते है कि कैसे इस कैद से आप आजादी पा सकते है।

Interview

interview देने की प्रकिया में अगर आपका सामना बार-बार unsuccess से होता है तो एक दौर ऐसा भी आता है, जब आप किसी अच्छे अवसर के लिए खुद को तैयार नही कर पाते। आप पहले ही मान कर चलते है कि आप यहा भी अस्वीकार किये जायेगे। इससे आप वास्तविकता से दूर होते चले जायेंगे। अगर आप बार-बार interview में अस्वीकार किये जा रहे है तो उन कारणों को पहचानें। कही ऐसा तो नही है कि जिन जरूरी skills की नियोक्ता को जरूरत है, आप उन्हें सीखने का प्रयास ही नही कर रहे। यह भी हो सकता है कि आप अपनी जानकारी skills को सही ढंग से सामने रख ही नही पाते। हर interview को एक चुनौती की तरह लें और उन कारणों की एक सूची बनाएं और धीरे-धीरे खुद में जरूरी बदलाव करना शुरू करें।

Office से निकाले जाने पर

किसी भी employee के लिए office से निकाला जाना किसी बड़े धक्के से कम नही। उस समय उसके आत्मविश्वास में भी कमी आना लाजमी है। यहाँ बहुत से लोग इस बात को सोच-सोच कर समय व्यर्थ कर देते है कि उन्हें निकाल दिया गया है। उनका manager बुरा था, उसके साथियों में कमी थी। कोई उनकी कार्यशैली को नही समझता आदि। निस्संदेह ऐसी स्थिति किसी के लिए कष्टदायी होगी, मगर अब इन्ही बातों को पकड़ के रहना, आगे के सफर के बारे में न सिर्फ धीमा कर देगा, बल्कि आपके आगे बढने के रास्तो को भी धीरे-धीरे बंद करता चला जायेगा। कारण कुछ भी रहें हो, आपको अपने  भीतर negativity को खत्म कर positivity होना होगा और आगे के लिए road map तैयार कर उसमें बढना होगा।

Promotion न मिलने पर

आप पिछले 3-4 वर्षो से लगातार किसी company में मेहनत से कार्य कर रहे है। boss आपकी तारीफ भी करते रहे है। आपको इस बार पूरी उम्मीद थी कि आपको ही तरक्की मिलेगी। ऐसे में अगर स्थितियां उलट होती है और आपकी जगह किसी दुसरे को तरक्की का तोहफा मिलता है तो इसका अर्थ यह बिलकुल नही कि आप काबिल नही है। अगर तटस्थ होकर एक बार तरक्की पाने वाले साथी की तरफ नजर दौड़ाएगें तो देखेगे की वाकई वह आपसे आगे था। आपको अस्वीकार होकर निराशा में नही डूब जाना है, बल्कि अपनी उन खूबियों को पहचानना है, जिसके बूते आप दूसरो से आगे निकल सकते है। जिस तरह आपके कुछ purpose होते है। ठीक वैसे ही आपके boss के भी purpose होते है। अगर आप एक team की तरह boss के साथ कदम से कदम मिला आगे बढ़ रहे है तो यकीकन आप भी तरक्की के पायदान पर आज नही तो कल आगे बढ़ेगे ही।

Target पूरे न होने पर

अगर आपकी job में तिमाही,छमाही या वार्षिक target प्राप्त करने होते है तो उसके लिए आपको बेहतर योजना की जरूरत होती है। ठीक उसी तरह जिस तरह एक धावक टैक पर अपने तीन लैप में हर लैप के लिए गति व् समय के लिए तालमेल बिठाता है। आपको अपने purpose को बाँट-बाँट कर देखना चाहिए और उसी योजना बनानी चाहिए। कई बार जी तोड़ मेहनत के बावजूद कोई और बाज़ी मार लेता है। यहा अन्य बातों पर उलझने की बजाय अपने साथी की मेहनत की सराहना करना भी सीखे और उसके positivity रवैया की कद्र करते हुए खुद में जरूरी बदलाव के लिए तैयार रहे।

Feedback पर

आपके boss से लगातार आपकी बात होती होगी। कई बार आपको अच्छे feedback मिलते होगे, तो कई दफा कुछ negative comment. ऐसी छोटी-छोटी बातों से घबराये नही और हिम्मत से काम लें। इसके अलावा कामकाजी असफल होने पर लोग क्या कहेंगे जैसे जुमलो से काफी परेशान होते देखे गये है। सबसे पहले तो यह समझ लेना जरूरी है कि world में शायद ही कोई ऐसा person हों, जिसे कभी न कभी reject नही किया गया हों। असल problem ऐसी कुंठित और depression से भरी सोच के कारण होती है। senior के feedback को positivity रूप से लें। आजकल की गलाकाट competition के दौर में मौके गंवाने नही, बल्कि दूसरो से छीनना ही success का पर्याय बन गया है। इसलिए हाथ आये मौके को इस सोच के कारण कतई व्यर्थ न होने दें।

यह भी न भूलें

नकारे जाने का खौफ अक्सर हतोत्साहित करता है, मगर आप अपने positivity दृष्टिकोण से हर बाज़ी जीत सकते है। एक आसान से example से इस बात को समझें। अगर आप स्वयं पहल करते हुए office में boss से चुनौतियाँ भरा कोई project लेते है और उसमे सफल होते है तो जरा सोचिये boss के सामने आपकी छवि का graph कितना उपर उठ सकता है। इस वास्विकता को भी हमें नही भुलाना चाहिए कि सबको असफलता ही हाथ नही लगती है, success होने वालो की संख्या भी आखिर कम नही है। समझने की बात है कि जो लोग नकारे जाने से घबराकर भाग खड़े होते है, उनके लिए तो शत प्रतिशत असफलता की गुंजाइश ही शेष बचती है।







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