हम
क्या खाते है, यह
जितना important है, उतना ही यह भी कि
हम कैसे खाते है। यह देखना जरूरी है कि हम जो खा रहे है, वह body
को मिल भी रहा है या नही। कही ऐसा तो नही कि fruits,vegetable
के पोषक तत्व का एक बड़ा हिस्सा कूड़े के डिब्बे में जा रहा हो या फिर
पकाने में नष्ट हो रहा हो।
आप
क्या जानते है कि आलू व् प्याज लम्बे समय तक रखे रहने पर अपनी पोषकता खो देते है? खेत से निकाले जाने के दो महीने
बाद आलू के 50% और 4 महीने बाद 80% vitamin नष्ट हो जाते है।
पालक के तो कटाई के दो दिन बाद ही 80% vitamin नष्ट हो जाते
है। इसी तरह fresh मटर को एक सप्ताह तक स्टोर करने पर उसका
77% vitamin-c नष्ट हो जाता है। और कटी हुई vegetable
और fruits को फ्रिज में स्टोर करने पर उनके 10
से 15% पोषक तत्व नष्ट हो जाते है।
खान-पान
से जुडी चीजो का पोषक कितना secure
रहेगा, यह कई बातो पर depend करता है, जिसमे से कुछ पर हमारा control नही है। पर कितनी ही बातें ऐसी है, जिनका ध्यान रख
कर हम अपने भोजन को पोषणयुक्त बना सकते है। कभी जानकारी के अभाव में तो कभी
लापरवाही में हम खान-पान की चीजो के पोषण का एक बड़ा भाग हर रोज कूड़े में फेंक देते
है। या फिर भोजन पकाने की गलत विधि उनके पोषक तत्वों को कम कर देती है। example
के लिए चावल को उबालने के बाद हम उसका पानी फेंक देते है, जिसमे चावल का 25% vitamin-b होता है। चावल को हमेशा
कम पानी में भाप में पकाकर खाना चाहिए। इसी तरह कुछ लोग अंडे को कच्चा खाते है,
जबकि सच यह है कि अंडो को उबालकर खाने से iron और biotin की उपलब्धता बढ़ जाती है। बैक्टीरियम
सालमोनेला के संक्रमण का खतरा भी कम होता है।
इसी
तरह कुछ vegetable भी है, जिन्हें कच्चा खाने की जगह उबाल कर खाना उनकी
पोषकता को बढ़ाता है। मसलन गाजर और टमाटर। जहा गाजर को उबाल कर खाने से उसके पोषक
तत्व को अवशोषित करना आसान हो जाता है, वही पकाकर खाए गये
टमाटर में कच्चे टमाटर के तुलना में लाइकोपिन बढ़ जाता है, जो
anti-oxidant का काम करता है और उसमे cancer प्रतिरोधी गुण भी होते है। आलू व् शकरकंद को भी साबुत सेंक कर या उबाल कर
खाना चाहिए, इससे इनके 65% vitamin नष्ट
होने से बच जाते है।
प्याज
और लहसुन की बात करे तो इनमे मौजूद लाभकारी सल्फोऑक्साइड तभी active होता है, जब वह हवा से संपर्क में आता है। इसलिए उन्हें पकाने से दस minute पहले काटकर खुला रख ले। यह तत्व विभिन्न रोगों से बचाता है। कम ताप पर 30 minute
तक प्याज और लहसुन पकाने से भी उनमे
सल्फोऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है। इसी तरह साबुत अनाज को रात भर कम पानी में
भिगोकर इस्तेमाल करे। कम आंच पर भाप में गलाए और कम तेल- मसालों में पकाए। इससे
इनमे मौजूद फायटिक एसिड, जो हमारे लिए हानिकारक होता है,
50% तक कम हो जाता है। अंकुरण से भी अनाजो में इसका स्तर कम हो जाता
है।
तेल
हमारे खान-पान का एक जरूरी भाग है। तेल को ज्यादा देर तक गर्म न करे। 15 minute तक तेज गर्म करने से तेल
के प्राकृतिक गुण नष्ट होने लगते है और trans fatty acid की
मात्रा बढ़ जाती है, जो धमनियों में प्लाक बनने और heart
रोगों की आंशका को बढ़ा सकता है।
भोजन
पकाने की सही विधि
भाप
में पकाना
भाप
में भोजन को पकाना पोषक तत्वों को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता
है। fresh vegetable, चावल और दलिया को जहां तक संभव हो, कम पानी की भाप
में पकाए। इसमे तेल की जरूरत नही होती, समय भी कम लगता है और
पोषक तत्व भी सुरक्षित रहते है। इसी तरह कई vegetable जैसे
बंदगोभी, फूलगोभी, ब्रोकली में cancer
से लड़ने वाले तत्व होते है, जिन्हें अधिक पकाए
जाने पर वे नष्ट होने लगते है। इन्हे कम भाप में पकाना ही उचित रहता है।
ग्रिलिंग:
इस
विधि में घी या तेल का इस्तेमाल बहुत कम होता है। खाद्य पदार्थो का फ्लेवर व्
टेक्सचर भी सुरक्षित रहता है।
स्टर
फ्राइंग:
इसमे
भी ग्रिलिंग के समान कम घी और तेल का उपयोग होता है। कम तेल के कारण खाध पदार्थ
पैन में न चिपके, इसके
लिए उसे लगातार धीरे-धीरे हिलाया जाता है या बीच-बीच में थोड़ा पानी छिड़का जाता है।
इसमे खाध पदार्थो के पोषक तत्वों के साथ ही उनका रंग और फ्लेवर भी सुरक्षित रहता
है।
भूनना
(Roasting)
इस विधि में पोषक तत्व
सुरक्षित रहते है और vegetable जल्दी और आसानी से पक जाती है।
roasting में भी घी और तेल का कम उपयोग होता है।
भोजन पकाने की विभिन्न
विधियों में डीप फ्राइंग यानि घी या तेल में तलना सेहत को सबसे अधिक नुकसान
पहुंचाता है। डीप फ्राइंग भोजन के अधिक सेवन से body में free radicals बनते
है, जो skin के कसाव को कम करते है। वे
body की कोशिकाओ और उतकों को भी नुकसान पहुंचाते है। तलने से
तेल और vegetable में मौजूद anti-oxidant सूख जाते है और ऑक्सीडेशन की प्रकिया
बढ़ जाती है। तेल को अधिक गर्म करने से उसमे HNE भी collect
होने लगता है। HNE एक विषैला पदार्थ है,जो stroke,LDL(
हानिकारक cholesterol) की उच्च स्तर, अल्जाइमर्स, पार्किन्सन और liver के खतरे की आंशका को बढ़ाता है। तलने के लिए इस्तेमाल किये तेल को दोबारा
इस्तेमाल करते समय तेज गर्म करने पर भी HNE
की मात्रा बढती है।
ऐसे बढाये पोषकता
1- हरी पत्तेदार vegetable
को काटने से पहले धो ले। इनमे पाए जाने वाले vitamin और mineral पानी में घुलनशील होते है। ऐसे में काटने
के बाद धोने से उनके पोषक तत्व व्यर्थ हो जाते है।
2- खाना बनाने के लिए स्टेनलेस स्टील या एल्युमीनियम के बर्तनों का ही
प्रयोग करे। ताबे के बर्तन में पकाने से vitamin-c,e और folic acid
नष्ट हो जाते है।
3- सरसों या जैतून के तेल में भोजन बनाये। इसमे पोषक तत्व संतुलित
मात्रा में होते है।
4- ज्यादा भूने और तले हुए भोजन को खाने से बचे। भोजन को कम आंच में
पकाए।
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