आमतौर पर मालिश करने के लिए उसी तेल का इस्तेमाल किया जाता है, जो उस मसाज तकनीक के अनुरूप हो। कई बार तेल का चयन व्यक्ति विशेष की जरूरत के अनुसार भी किया जाता है। कई तेलों को दो-तीन तेलों में जड़ी-बूटियों के mixture से भी तैयार किया जाता है।
अलसी का तेल
skin से सम्बंधित रोगों के उपचार में यह तेल काफी कारगर है। रक्त संचार भी नियमित होता है।
नारियल का तेल
यह तेल मसाज के लिए इस्तेमाल होने वाले सबसे प्रचलित तेलों में से एक है। इसका उपयोग थकान दूर करने और body में energy का स्तर बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह skin की सुन्दरता भी बढ़ाता है।
रोजमेरी तेल
यह blood संचरण को सुधारने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बालो के विकास और मानसिक activity बढ़ाने के लिए इस तेल का इस्तेमाल होता है।
सरसों का तेल
सभी प्रकार की सूजन में गर्म सरसों के तेल से मसाज करना फायदा पहुंचाता है। जिन लोगो की तिल्ली या प्लीहा बढ़ा हुआ है, अगर वो कुनकुने सरसों के तेल मालिश करे तो उन्हें आराम मिलेगा। सर्दी और कफ से परेशानी होने पर सरसों के तेल में कुछ लहसुन की कलियों को डालकर गर्म कर ले। खासकर छाती पर मालिश करने से सर्दी और कफ में आराम मिलता है।
जैतून का तेल
आयुर्वेद में इस तेल का बहुत उपयोग किया जाता है। सामान्य मसाज के लिए यह सबसे उपयोगी माना जाता है। skin के अलावा इसे जोड़ो के दर्द में फायदेमंद माना जाता है।
जिंजर ऑयल
मांसपेशियों का कड़ापन दूर करने के लिए अदरक के तेल में इलायची मिलाकर मसाज करे। अगर बॉडी कड़ा हो गया है तो जिंजर तेल से मालिश करने से लचीलापन बढ़ता है।
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