कार्यस्थल
पर आने वाले बदलावों के बीच कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर
इसके लिए आप अपनी ओर से अच्छी तैयारी रखें तो निश्चित रूप से इनमें निहित अवसरों
का लाभ भी उठा सकते है।
Multitasking का जमाना है। जाहिर सी बात है company समय-समय पर employee
के work-profile, समूह या स्थान को बदलेंगी
ही। इस बदलाव से परेशानी तो होती है, लेकिन इस बात का हमेशा
ध्यान रखें कि कड़ी competition के इस दौर में success
हासिल करने के लिए ऐसे बदलावों को accept करना
चाहिए। linked-In के साल 2015 के एक survey में सामने आया था कि 45% लोग अच्छे अवसर नही मिलने की वजह से job छोड़ते है। अच्छी बात ये है कि job profile में बदलाव
आपके लिए ऐसे अवसर पैदा कर सकते है। एमएफ रियान ने कहा है, ‘बदलाव
लाने और आगे बढने के मौके हमें आखिरी सांस् तक मिलते है, इसलिए
कुछ नया सृजित करिए और खुश रहिये।‘ बदलाव के साथ तालमेल
बिठाने के लिए कुछ उपयोगी tips-
positivity रूख रखें
अक्सर
देखने में आता है कि work profile या समूह बदलते ही ज्यादातर कर्मचारी असहज महसूस करने लगते है। लेकिन ऐसी
स्थिति में आशावादी सोच के साथ नई जिम्मेदारी के लिए आगे बढ़ना चाहिए। मुमकिन है कि
जो काम आपको बोझिल लग रहा हो, future में वही तरक्की की
उचाईयों पर पहुंचा दे। media institute में काम करने वाले
रोहित को जब desk work से हटाकर reporting में भेजा गया, तब उसे काफी घबराहट हो रही थी। लेकिन
कुछ महीनों में ही उसने reporting की बारीकियां सीख ली और
कुछ बेहतरीन reports के लिए उसे सराहना भी मिली। अपनी skills
बढ़ाने और उन्हें निखारने के लिए हमेशा positive प्रयास करते रहें।
मुश्किलों
का करें डटकर मुकाबला
office में
समय-समय पर सामने आने वाली नई चुनौतियों को समझें और धैर्य के साथ उनका मुकाबला
करें। अपने seniors को सलाह लें और उनके experience का लाभ उठायें। एक बड़ी company में marketing
manager के पद पर काम कर रहे सुदेश मित्रा और राहुल त्रिपाठी का
विभाग बदलकर उन्हें brand promotion में shift कर दिया गया। दोनों परेशान थे। सुदेश ने जहां एक महीने में ही job छोड़ दी, वही राहुल ने seniors की
मदद से brand promotion की बारीकियां समझी और अपनी कड़ी
मशक्कत से वह brand promotion में senior vice
president बन गया, जबकि सुदेश marketing
के उन्ही कामों में उलझा है, जहां वह पांच साल
पहले था।
स्थिति
को स्वीकारें
job के
दौरान सभी कुछ आपके मुताबिक चले यह संभव नही है। ऐसे में नई जिम्मेदारियों को आप
जितनी जल्दी accept करेगें, उतना ही
बेहतर होगा। इसके लिए नये सिरे से मेहनत करें और अपना
सर्वश्रेष्ठ दें। management में bachelor करने के बाद सौम्या ने एक बड़ी company में बतौर receptionist
काम शुरू हुआ। कुछ समय बाद उसे accounts में
काम में लगाया गया और फिर बाद में HR विभाग में co-ordinance
के काम में लगाया गया। लेकिन नई भूमिका में भी वह लगातार मेहनत करती
रही और सात साल बाद वह HR manager के पद पर पहुंच गई।
मैं
कर सकता हूँ
तात्कालिक
problem से जूझते हुए
आत्म-विश्वास में कमी न आने दे। अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखें। मौजूदा व्यवस्था में
ही बेहतर करने की गुंजाइश तलाशें। इससे आप स्तरीय काम कर पाएंगे और चुनौतियों का
भी डटकर सामना कर पाएंगे। विलियम फ्रेडरिक बुक ने कहा है, ‘नई
स्थितियों के साथ सामंजस्य बिठाएं, लेकिन अपने अनुकूल बनाने
के लिए उनमें बदलाव लाने का भी प्रयास करें।‘
नये
समूह के साथ सामंजस्य बनाएं
अगर
नये समूह में शामिल हुए है तो नये members के साथ आपको नये सिरे से जुड़ने की जरूरत होगी,
लेकिन थोड़ा सा अतिरिक्त समय देने पर आपकी राह काफी हद तक आसान हो
जाएगी। हमेशा नये सहकर्मियों के contact में रहें, हर तरह के काम में उनका सहयोग करें। भावनात्मक रूप से जुड़ जाने पर वे भी
किसी भी तरह की मुश्किल आने पर आपका मार्गदर्शन करेंगे।
नये Skills सीखें
नई
जिम्मेदारी मिलने पर कई बार नई skills
सीखने की भी जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में नई जिम्मेदारी से सम्बंधित skills
की एक list तैयार करें और जल्द से जल्द इनमें
खुद को बेहतर करने का प्रयास करें। इसके लिए आप वीकऑफ़ पर class ले सकते है। internet और you tube video से भी आपको बहुत सी उपयोगी सामग्री मिल जाएगी। इसके साथ-साथ industry
से जुड़ी information हासिल करते रहे और खुद को
हमेशा update रखें।
जुटाएं
ज्यादा जानकारी
नई
जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभाने के लिए जितनी ज्यादा जानकारी जुटाएंगे, आपके लिए उतना बेहतर होगा। अपने
नये समूह की पृष्ठभूमि, उसकी उपलब्धियों आदि के बारे में
ज्यादा से ज्यादा जानकारी collect करें। इससे नये काम में
आपका आत्मविश्वास बढ़ जायेगा।
Work Profile में बदलाव से फायदा
1- स्तरीय काम के लिए प्रेरणा मिलती है और
कार्यक्षमता भी बढ़ती है।
2- काम में बदलाव से आप ज्यादा मेहनत के लिए तत्पर
रहते है।
3- कई तरह के काम करके आप अपनी क्षमताएं बेहतर
तरीके से जान पाते है और company के
साथ ज्यादा जुड़ाव महसूस करते है।
4- बदलाव की प्रक्रिया से गुजरते हुए आपकी क्षमताओं
का बेहतर उपयोग हो पाता है और आप अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर बढ़ते है।
5- निरंतर बदलाव से नये वातावरण, नये लोगों और नई स्थितियों को
लेकर आपका रुख लचीला बना रहता है।
डर के
आगे जीत है
नई
जिम्मेदारियों से डर लगना स्वाभाविक है। अक्सर जो हो चुका है, उससे भी और जो नही हुआ है उसे
सोचकर भी हम डरते है। डर आत्मविश्वास को कमजोर करता है और life में कुछ भी नया करने से रोकता है। इसलिए सबसे पहले अपने मन से डर को
निकालें।
आशावादी
सोच रखें
company अगर
आपको नई जिम्मेदारी दे रही है तो निश्चित रूप से उसे आपसे कुछ उम्मीदें होगी। अगर
आप company की अपेक्षाओं पर खरे उतेरेगें तो promotion
आपके कदम चूमेगी। ऐसे में सभी तरह की चिंता और तनाव भूल कर आशावादी
सोच के साथ अपने काम में अपना 100% दें।
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