The Cost to bring Happiness
जब तक भीतर से बुद्ध या महावीर नही हो जाते, तब तक जरूरतों की चिंता सताती ही है। जमा और खर्च का हिसाब चलता रहता है। और जब हाथ में ही कम हो तो हर नया खर्च मुसीबत लगता है। पर कुछ खर्च ऐसे होते है, जिनमें कंजूसी ना करना ही अच्छा होता है।
खर्च डराते हैं। कुछ को पैसे की कमी तंग कर रही होती है, तो कुछ नीयत की कमी से लाचार होते है। पर बड़ी संख्या उन लोगों की है, जो खर्च की सही समझ न होने की वजह से जूझते रहते है। उन छोटे-छोटे खर्चों में कटौती करते है, जिनमें saving कम और नुकसान अधिक होता है। ये अलग बात है कि वह बचत भी कुछ अधिक नही होती।
अरब देशों में कहा जाता है कि या खुदा! मेरे खर्चे बढ़ा। हर कदम पर कंजूसी करने वालों को यह बात अजीब लग सकती है। पर यह एक प्रार्थना है, जो खुद के खर्चो से अधिक सक्षम बनाने पर जोर देती है। यह सोच है, जो आय को बढ़ाने की जमीन तैयार करती है। Robin Sharma कहते है, “मैं कम, लेकिन अच्छी गुणवत्ता की चीजें खरीदता हूँ। अच्छी गुणवत्ता, निवेश है, जो आप खुद को बेहतर बनाने के लिए करते हैं।‘
चीनी दार्शनिक लाओत्से तो यहाँ तक कहते है कि सब तरह की सम्पत्ति खो जाने के बाद जो आप बचते हैं, वही आपकी असली जमा पूंजी है।
अपनी जरूरतों को समझें
खर्च करने की सही समझ का अर्थ है अपनी जरूरत को समझना। जरूरतें, जो आपके जीवन मूल्यों से तय होती है। किसी के लिए career, तरक्की व् promotion की अहमियत होती है, तो किसी के लिए प्यार, family और रिश्तों की। किसी के लिए ईमानदारी और customer संतुष्टि मुख्य है, तो किसी के लिए किसी भी कीमत पर आगे बढ़ना जरूरी है। एक बार जब अपने मूल्यों की समझ आ जाती है तो अपनी जरूरतें और खर्चो की समझ आते हुए देर नही लगती। फिर आप दिखावे या व्यर्थ की चीजों पर खर्च नही करते, बल्कि उन मूल्यों पर खर्च करते है, जो आगे चलकर ख़ुशी देते है। अपनी saving को इन्हीं खुशियों की दिशा दें।
अपने अनुभवों को बढायें
सेन फ्रांसिस्को stat university में हुए एक research के अनुसार, चीजों को बटोरने से अधिक experience पर खर्च करना संतुष्टि और ख़ुशी देता है। यह experience हमारी मानसिक जरूरत और सम्पूर्ण बेहतरी से जुड़े होते है। motivational speaker ‘Deepak Chopra’ कहते है, ‘experience हमारी पहचान होते है, हमें दूसरों से जोड़ते है और विकसित होने का मौका देते हैं।‘
हजारी प्रसाद द्धिवेदी ‘आलोक पर्व की ज्योतिमर्य देवी’ में लिखते है कि भौतिक लक्ष्मी इच्छा के रूप में व्यक्त होती है। यह इच्छा जब ज्ञान से उपजती है और क्रिया के रूप में आगे बढ़ती है तो जगत का कल्याण करती है। लक्ष्मी के इस रूप का वाहन गरूड़ होता है, जो शक्ति, वेग और सेवा का प्रतीक होता है।
ये खर्च अच्छें हैं
1- अपने या family की health से समझौता न करें। footwear, इनरवियर, medicine, doctor की फीस, रोजमर्रा की खाने-पीने की चीजों में कटौती करना सेहत पर भारी साबित होता है।
2- दूसरों की खुशियों पर खर्च करें। कई बार छोटा सा उपहार, कुछ देर का साथ, छोटी-छोटी मदद आपके रिश्तों को ताउम्र चलने वाली life दे देते है।
3- अच्छी education और career पर खर्च करें। सपनों को पूरा करने के लिए नई skill सीखने पर खर्च करना आगे ले जाता है।
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