Believe in Yourself and Courage
अक्सर हम लोगों के मुंह से सुनते है कि जोखिम लेने की हिम्मत नही होती। पर क्यों? डर क्या है? जिस काम को करने के लिए हमें खुद पर विश्वास नही होता, क्या वही हमारा डर होता है?
जिन्दगी को सही मायनों में जीने के लिए जोखिम लेने का साहस तो दिखाना ही पड़ता है।जिसने ये जोखिम ले लिया, मानो उसने जिन्दगी को खुलकर जीना शुरू कर दिया। अब उसे success होने से कोई रोक नही सकता, इसलिए निडर बनने से डरना क्यों?
चलिए अब आपसे कुछ सवाल किये जाएँ- यदि आपके पास कहने को कुछ होता है तो आप कितनी बार चुप रह जाते है?
आवश्यकता पड़ने पर कदम उठाते समय आप कितनी बार अपने समाज को नजरंदाज कर देते है?
आगे बढ़ने के समय कितनी बार आपने खुद को रोका है?
यदि आपको life में मिलने वाले असंख्य अवसरों का लाभ उठाना है तो निडर तो बनना ही पड़ेगा। दुनिया में अपनी छाप छोड़ने और अपनी क्षमताओं का पूरा लाभ उठाने के लिए भी आपको अपने भीतर साहस लाना होगा। life में हारने और टूटने के बाद भी फिर खड़े होकर अपने को समेटने के लिए भी आपको इसी साहस की जरूरत पड़ेगी। तो बस जिन्दगी को खुलकर जीने के लिए अपनी क्षमताओं को बटोरें और निडर बनने के लिए कमर कस लें।
यकीन मानिये आप अपनी जिन्दगी को उद्देश्यपूर्ण बना सकते है और पूरी तरह खुलकर जी सकते है। आज ही आपके life का सबसे अच्छा दिन है। अगर आप इसे ही नही जी रहे तो क्या कर रहे है? अपने डर का सामना करें और दुनिया पर अपनी छाप छोड़ दें। परिस्थिति के साथ समझौता न करें या सामान्य ही न बने रहें। जिन्दगी की लगाम संभालें। कुछ नया और अलग करने की सोचें। जिन्दगी को खुलकर जियें।
साहस करके खुद से पूछें कि आखिर आप चाहते क्या हैं?
अपनी जरूरतों को लेकर हर समय खीजते रहने या complain करते रहने के बजाय अपनी अपेक्षाओं के बारे में सोचना सीखें। इसी इंतजार में न बैठे रहें कि कोई खुद ब खुद आपका दिमाग पढ़ लेगा। अपनी इच्छाओं को खुलकर बताएं। दृढ़ता से अपनी बात रखें। यही माने कि लोग आपकी help करना चाहते है। मानें कि चीजें सही दिशा में जाएँगी। यदि कभी ‘न’ में जवाब मिले तो फिर से पूछें। दुनिया में कोई तो ‘हां’ कहेगा ही।
अपनी शक्तियों पर विश्वास करें
जिस तरह मधुमक्खियाँ शहद की ओर खिंचती है, उसी तरह हम मनुष्य बाहरी शक्तियों की ओर attract होते है। ये बाहरी शक्तियां है-पैसा, सुन्दरता, काम, job, पूंजी और शारीरिक बल। बाहरी शक्तियां लुभाती है और इनका एक पैमाना है कि इनकी आपस में तुलना भी की जा सकती है। जबकि असल शक्तियाँ तो हमारे अंदर होती है और ये सब में बराबर होती है। आप ये असल शक्तियाँ न तो कही से खरीद सकते है और न ही ये कहीं खोती है। ये शक्तियाँ है- संवेदना, संगति, आंतरिक शांति और बुद्धिमता। अगर आप इन्ही पर केंद्रित रहते है तो हर बार आप विजयी ही होंगे।
निडर होने का साहस रखे
साहसी बनें और अपनी अनमोल जिन्दगी को एक बड़े एडवेंचर की तरह जीयें। निडर बनें, निर्भीक और सच्चे बनें। अपने महत्व को accept करें। आपका life सिर्फ आपका है। अपनी शक्तियों को पहचानें, खुद पर विश्वास करें और स्वयं से पूछें कि आपको आखिर क्या चाहिए। और उसे पाने की चाहत को अपने सपने पूरा करने में लगा दे। आपके द्वारा वर्तमान में किये गये काम ही आपका future निर्धारित करते है। जो भी काम करें ख़ुशी से करें और ये मानें कि जिन्दगी में जो भी लोग आयेंगे वो आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचने का मार्ग दिखायेंगे और उसे पूरा करने में मददगार साबित होगे। इसलिए निडर होकर अपना काम करें।
खुद को माफ़ करने का साहस रखें
अपने अहं को खुद की निंदा न करने दें। आपको अपनी गलतियों के लिए खुद को माफ़ करना ही होगा, उस स्थिति को माफ़ करना होगा, जिसमें ये गलतियां हुई। इन्हें जाने दें, पकड़ कर बैठेंगे तो life में कभी आगे नही बढ़ पायेंगे। आप अपना सम्मान करें। दुःख देने वाली बीती बातों को भूल जाएं।
प्रेम भाव से काम करने का साहस रखें
प्रेम एक भाव है। प्रेम दूसरों के प्रति और अपने प्रति एक प्रतिज्ञा है। खुद को संवेदनशील और समान भाव रखने वाला बनाने की कोशिश करें। प्यार से सोचें, प्यार से बोलें और अपने चाल-चलन में भी प्रेम भाव दिखाएँ। इस प्रेम भाव का दामन कभी न छोड़ें। प्यार से अलग जो कुछ भी है, वो सिर्फ हमारा डर है। कुछ भी करें, पर जितनी जल्दी हो सके डर से निकलें। प्रेम भाव में रहकर ही काम करें।
दानी बनने का साहस रखें
खुले दिल से देना सीखें। देते समय वापस मिलने की उम्मीद न रखें। किसी से स्वीकृति, प्रेम या प्रशंसा पाने के लिए दान न करें। ये सोचें कि आपके पास इतना है कि आप किसी के साथ उसे बांट सकते है। केवल पैसा ही नही, अपना समय और प्रतिभा भी बांटे। दूसरों की प्रशंसा करें, उन्हें सम्मान दें। निस्स्वार्थ भाव से दान करें।
डर को स्वीकारने का साहस रखें
आपका डर आपका शिक्षक बन सकता है। डर आपके विचारों, मान्यताओं, भावों और आपकी जिन्दगी को खोल देता है। अपने डर के accept करें और उससे सीख लें। डर को समझें। उससे मिलने वाली सीख को अपनाएं। तभी आप अपने सपनों की दुनिया को साकार कर सकते है।
खुलकर जीने का साहस रखें
सोचें कि समस्त universal आपके साथ है और सब ठीक है। विश्वास रखें कि सब के लिए पर्याप्त मात्रा में है। रात में तारों की छाँव में बैठें। nature के हर पहलू का आनन्द लें। जिन्दगी में मिले सभी लोगो और सभी चीजों के शुक्रगुजार बनें।
# इस article के writer ‘टेस मार्शल’, जो लेखिका, life coach व् blogger. counselling psychology में MA की पढाई। जोखिम लेने में यकीन रखती है।
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