अधूरी
प्रतिबद्दता के नाम एक खत
मकसद
है, दूरदर्शिता है और मंजिल तक
कैसे पहुंचेगे, इसकी योजना भी। कमी होती है तो बस मन की, जो पूरी तरह लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्द नही होता। आधे अधूरे मन से काम
करने की प्रवृति हमें सपनों से दूर कर देती है। कई नये मौकों का दम घोंट देती है।
आपका
एक अच्छा friend होने के नाते मैं कुछ कड़वी बातें कहना चाहता हूँ। हाल में ये बातें मैंने
अपने एक friend को लिखी हैं। यह खत है, जो हमारी प्रतिबद्दता के नाम है। वही प्रतिबद्दता, जो एकमात्र success की guarantee नही है, पर इसके बिना असफलता जरुर तय है। मैंने
यही दोस्त को लिखा है... आपके लिए भी सही साबित होगा।
dear, मुझे कहना पड़ रहा है कि तुम पूरी तरह प्रतिबद्द नही हो। मैं चाहता हूँ कि
तुम success हो। तुम्हारी योजनायें, व्यहवार में आयें। तुम वो काम छोड़ दो, जो बोझिल
लगते हैं। वैसी जिन्दगी जियो,जैसी जीना चाहते हो। मैं
तुम्हारी मदद भी करना चाहता हूँ, पर ऐसा करने से तुम
मुझे रोक रहे हो.. क्योकिं तुम्हें देखकर मुझे कभी ये नही लगा कि तुम खुद के लिए
ही समर्पित हो।
हर
कदम पर एक सवाल खुद से पूछना जरूरी हो जाता है। क्या अपनी चीजों के लिए हमारी
प्रतिबद्दता 100% है? कुछ
नया शुरू करने के लिए तुम्हारे पास मकसद है, दूरदर्शिता
है। तुम योजनायें बनाकर एक कदम आगे भी बढ़ते हो। लेकिन आगे क्या? क्या तुमने आगे के लिए जरूरी कदम उठायें? यही
समर्पण की कमी तुम्हारे सपनों को बर्बाद कर रही है, dear.
नये
मौकों को स्वागत करो
सुनो, हम सभी को संदेह होता है। struggle और रुकावटों से भरा होता है ये सफर। हम संदेहों से भी घिर जाते है। लगता
है कि हमें अपने मकसद के बारे में दोबारा सोचने की जरूरत है। यह भावना कभी खत्म भी
नही होगी। जब कुछ नया शुरू करते है तो फैसला लेते समय कुछ दुविधाएं होती है। चूँकि
दुविधाएं हमेशा रहेगी। तुम्हें किसी project, book लिखने का idea, business plan या किसी एक
लक्ष्य या योजना से आगे बढ़कर अपने लिए समर्पित होने की जरूरत है। पूरी तरह से।
तुम्हें
खुद पर उस स्तर पर विश्वास करने की जरूरत है, जो किसी हाल में कम नही हो सकता। तुम्हें
लगता होगा कि तुम तो पहले से ऐसे हो। पर क्या ये सच है? या तुम ग्लानि से भर गये हो कि तुमने नये अवसर का रास्ता खुद के लिए बंद
कर दिया है? जब तुम्हे कोई आमंत्रण मिलता है तो तुम मन
ही मन उसकी उपेक्षा करने लगते हो? या तुम किसी अजनबी से
मिलते हो तो उससे आगे contact रखने के मौकों को
खत्म कर देते हो, क्योंकि तुम्हे comfort
zone रास आ गया है?
जब आप
अपने प्रति समर्पित नही होते है तो आपके पाठक, संभावित ग्राहक, पुराने
क्लाइंट्स आपकी इस कमी को भांप लेते है। और यह कहना गलत नही होगा कि किसी ऐसे person पर भरोसा करना किसी के लिए मुश्किल होगा, जो
खुद के लिए ही समर्पित नही है।
क्या
है तुम्हारी प्राथमिकता
पता
है, दूसरे क्या चाहते है? उन्हें कोई ऐसा चाहिए, जिसकी प्राथमिकता वे
हों। जो लगातार उनकी उम्मीदों वे हों। जो लगातार उनकी उम्मीदों पर खरा उतरें। जो business को जिम्मेदारी के साथ निभाए। जब आप खुद के प्रति समर्पित नही होते तो अपनी
जिम्मेदारियां ठीक से नही निभा पाते और दूसरों के प्रति भी समर्पित नही हो
पाते। यही तुम्हें समझना है।
जब हम
प्रतिबद्द नही होते तो बहाने बनाते हैं। अपने निर्धारित कामों से बचने की कोशिश
करते है। काम की समय सीमा न नजदीक होती है तो काम को नजरंदाज करते है, खुद को छुपा लेना चाहते है
और फिर कहते है- अब जो होगा, कल देखा जायेगा। किसी
दोस्त के साथ coffee date पर जाना था,पर हमेशा की तरह लेट होते है। उस दोस्त को जवाब नही देते, जिसने ‘hello’ बोलने के लिए phone किया था। हो सकता है कि आप थके हों, मूड ठीक न
हो या किसी परेशानी में हों। पर ऐसा हमेशा नही होता। हो सकता है कि friend को कोई जरूरत हो। यूँ भी हमें अपनी प्राथमिकताएं बदलने के लिए तैयार रहना
पड़ता है।
खुद
के लिए खड़ा होना सीखें
खुद
के लिए फैसले लेना और फिर उनका सम्मान करना तुम्हें सीखना होगा। जो खुद के लिए लड़
नही सकता, उसके
लिए कोई नही लड़ेगा। जब आप अपनी राय सबके सामने रखते है तो लोग आप पर भरोसा करते
है। आपका समर्थन करते है। वे आपको आगे बढ़ाने में मदद भी करते है। लेकिन आपमें ही
आत्मविश्वास में कमी है तो वे ऐसा नही कर पायेंगे। आपकी चाल, आपके शब्द, आपके काम करने का ढंग यह दिखा देता
है कि आप खुद के प्रति प्रतिबद्द नही है। किसी क्लाइंट के साथ meeting रद्द करना आसानी से बता देता है कि उससे मिलना आपकी प्राथमिकताओं में नही
है।
तुम
अपनी प्राथमिकता हो
तुम
कब पूरी तरह से अपने लिए प्रतिबद्द होने जा रहे हो, जिससे उस दोस्त, उस
साथी, उस क्लाइंट के साथ प्रतिबद्द हो सको, जो तुम्हारे साथ समय बिताने को आतुर है? सच है
कि खुद के प्रति समर्पण के बिना जितना भी आगे जाएँ, लड़ने
की इच्छा कम होती जाएगी।
अंत
में, मै
आपको success होते देखना चाहता हूँ। समृद्द होते
हुए देखना चाहता हूँ। मैं हमेशा आपके लिए यही चाहूँगा।
“ इस article के writer ‘डेव उर्सिलो’ है, जो
रोड आइलैंड में yoga teacher, writer, creative entrepreneur और blogger. मानते है कि दूसरों के प्रति
प्रेम स्व की अभिव्यक्ति है।“
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