हम
जितना कम sugar खाने
की सोचते है, उतना ही खुद को sugar से
घिरा पाते है। Specialist कहते है कि खाने की चीजों में
कुदरती मिठास होती है और उतना ही मीठा काफी भी होता है। कैसे करे sugar की लत को कम
sugar body के विकास के लिए जरूरी है, पर एक control मात्रा में। WHO का स्पष्ट निदेश है कि लोगो को अपने
खाने में मीठे की मात्रा कुल calorie के 10% से अधिक नही
रखनी चाहिए और future में इसे 5% तक कर देना चाहिए। वर्तमान
में स्थिति यह है कि मिठास के तौर पर हम पहले की तुलना में कई गुना ज्यादा sugar
खा रहे है। मीठे के नाम पर sugar health बिगाड़ती
है, क्योकि यह naturally न होकर artificial
होती है और उपर से मिलायी जाती है।
fruits, vegetables,
beans, मेवे आदि में naturally रूप से मिठास
मौजूद होती है। साबुत अनाजों में भी मौजूद sugar सेहत के लिए
फायदेमंद होती है। इन पदार्थो में vitamin, mineral व् fiber
आदि कई पोषक तत्व भी होते है। खाद्य पदार्थो में मौजूद fiber
body में sugar की मात्रा को सीमित रखता है,
जिससे blood sugar सही रहती है। असल problem
उस sugar से है, जो factory
में processing के बाद का product होती है या मीठे का test बढ़ाने के लिए अलग से मिलायी
जाती है।
Health की
दुश्मन
American journal of
cardiology में कुछ समय पहले एक report प्रकाशित
हुई है। report के अनुसार न्यूयार्क और कैन्सस में 8670
व्यस्क लोगो पर study के बाद यह निष्कर्ष निकला कि नमक से
कही ज्यादा नुकसान ज्यादा मात्रा में sugar या सफेद शक्कर के
सेवन से होता है। research के मुताबिक अधिक मात्रा में चीनी
खाने से body में insulin सीमा से अधिक
बढ़ने लगता है। नतीजतन, brain का हाइपोथैलेमस वाला हिस्सा
जल्दी active हो जाता है और heart रोग
का कारण बन जाती है।
ज्यादा
sugar दांतों को भी नुकसान
पहुंचाती है। दैनिक calorie में sugar का
हिस्सा 10% से ज्यादा रहने पर दांतों में सडन की problem बढ़
जाती है। न्यूकैसल विश्वविद्यालय में nutrition and oral health के professor पाउला मोनीहीन कहते है, ‘हम जितनी कम चीनी खाते है, दांतों में सड़न का खतरा
उतना ही कम होता है।‘
ब्रिटिश
मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक report
का निष्कर्ष है कि sugar का सेवन सीधे तौर पर
मोटापे के लिए भले ही जिम्मेदार न हो, पर जो लोग इसका ज्यादा
सेवन करते है, उनके मोटे होने की आशंका निश्चित रूप से
ज्यादा होती है। एम्सटर्डम में स्वास्थ्य सेवा के
प्रमुख पॉल वैन ज्यादा मात्रा में sugar के सेवन को शराब और
तम्बाकू की तरह का ही नशा करार देते है। research बताते है
कि जिन्हें मधुमेह नही है, उनमे sugar के
जरिये आया मोटापा body के कई तरह के मेटाबोलिक व् hormonal
बदलाव का कारण बढ़ जाता है और पैन्क्रियाज की कोशिकाएं निष्क्रिय
होने लगती है। जाहिर है, यह मधुमेह को दावत देने जैसा है।
जब हम
sugar खाते है तो हमारा liver
इसके fructose को fat में
बदल देता है। कुछ fat तो बाहर निकल जाती है, पर कुछ हिस्सा liver में ही रह जाता है। समय के साथ
यह fat ज्यादा बढ़ जाए तो नॉन अल्कोहोलिक लीवर सिरोसिस और liver
cancer का कारण बन सकता है। research यह भी
कहते है कि जो sugar अधिक खाते है, उनमें
दूसरे प्रकार के cancer विकसित होने की आशंका भी अधिक होती
है। sugar skin रोगों का कारण भी बन सकती है और memory
पर भी असर डाल सकती है।
Problem मीठा
नही, चीनी है
दिलचस्प
है कि मुंह मीठा करने वाली चीजों में sugar जितनी नुकसानदेह है, उतनी
कोई और चीज नही है। आखिर ऐसा क्यों है? असल में इसका रहस्य sugar
बनाने के प्रक्रिया में छिपा है। गन्ने के रस को संरक्षित करने से
लेकर उसे सफेद sugar तक ले आने की प्रक्रिया में जिन chemical
का इस्तेमाल होता है, वे वास्तव में body
के लिए नुकसानदेह है और इसमें मौजूद पोषक तत्वों को लगभग समाप्त कर
देते है। इनसेक्टीसाइड के रूप में प्रयोग किया जाने वाला फार्मेल्डीहाईड उच्च रक्त
चाप, धमनियों में सिकुड़न, skin रोगों
व् cancer से लेकर अस्थमा तक की वजह बन सकता है। सल्फर डाई
ऑक्साइड से allergy और skin रोग होते
है। कास्टिक सोडा और फास्फोरिक एसिड जैसे chemical कोलाइटिस,
गैस्ट्राइटिस और टांसिलाइटिस जैसे रोगों की सौगात दे सकते है। सफेद sugar
या चीनी में महज कार्बोहाइड्रेट भर बचा रह जाता है। चीनी का fructose
मुंह में पहुंचते ही calorie की मात्रा तो
काफी दे देता है, लेकिन इसके संतुलन के लिए fiber और कई दूसरे जिन पोषक तत्वों की जरूरत होती है, वे body
को बिलकुल नही मिल पाते। नतीया यह अतिरिक्त calorie heart पर भारी पड़ती है। एक चम्मच चीनी में लगभग 50 calorie होती है।
WHO के
मानकों के हिसाब से इसका अर्थ हुआ कि यदि एक महिला को रोजाना औसतन 1800 calorie
की जरूरत होती हो तो उसे sugar से मिलने वाली calorie
10% यानी 180 से अधिक नही होनी चाहिए। स्पष्ट है कि एक दिन में साढ़े
तीन चम्मच से ज्यादा चीनी खाने की आदत रोगों को न्योता देने जैसा है। इसके विपरीत
गन्ने के ताजे रस या इससे बने गुड़ में calcium, phosphorus, potassium,
iron और विभिन्न तरह के दूसरे खनिज भरपूर मात्रा में होते है,
जो body के लिए फायदेमंद है।
कितनी
हो मात्रा
एक
स्वस्थ व्यक्ति के लिए अपने आहार में चीनी की कितनी मात्रा रखे, इस पर researcher की अलग-अलग राय है। sugar की कुछ मात्रा fruits और डेयरी product के naturally स्रोतों से भी body को मिलती है। इन सबको ध्यान में रखते हुए american heart
association का सुझाव है कि एक सामान्य पुरुष को रोजाना 36 gram
और महिला को 25 gram से अधिक sugar नही लेनी चाहिए। एक साल से कम उम्र के बच्चों को, जब
वे ठोस आहार ग्रहण करना शुरू कर दे तो ही देना शुरू करना चाहिए।
No comments:
Post a Comment