Thursday, December 7, 2017

Where is the Focus (ध्यान किधर है)


कमरे में किसी काम से आये थे, पर भूल गये कि क्या काम था? चाबी रखी तो थी, पर मिल नही रही। cellphone कहाँ है? याद नही। व्यक्ति दिमाग में है, पर नाम मुहं पर नही आ रहा.. भूलना और याद रखना दिमाग की सामान्य प्रक्रिया है। कुछ लोग याद रखने में अच्छे होते है, तो कुछ दूसरो की तुलना में अधिक बेध्यानी में रहते हैं।

अति व्यस्त दिनचर्या, tension, थकावट, नीद पूरी न होना या फिर कोई चिंता या परेशानी। हमारे life में इनका दखल जरूरत से ज्यादा हो जाता है, तो हम चीजों को रख कर भूलने लगते है।हर बात में’क्या था वो’ या फिर’ क्या कहा आपने’ जैसा कुछ मुंह से निकलने लगता है। इतना ही नही, कई बार अपने इस व्यवहार से परेशान होकर हम खुद को अराजक और प्रबंधन में कमजोर मानने लगते है। अपने लिए इतने अधिक नियम व् कायदे बनाते है कि मशीनी हो जाते है, जबकि सच यह है कि चीजों को भूलना या फिर बेध्यानी में काम करना कोई बहुत बड़ी बात नही है।

वर्तमान से दूरी

कुछ चीजों को भूल जाने का मतलब लापरवाही, अव्यवस्थित होने, focus या बुद्दि की कमी से नही होता। कई बार मन कुछ ऐसे रास्तों पर घूम रहा होता है, जो हमे खुली आँखों से नही दिख रहे होते। महान scientist अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में कहा जाता है कि अपने ही घर का पता भूलने पर उन्होंने अपनी university phone किया था। आइंस्टीन की तरह ही उनके lecture व् खाना खा लेने के लिए याद दिलाना होता था। ये वो लोग है, जिनमे न focus की कमी थी और न ही समझ की। हम सभी के जीवन में ऐसे पल आते है, जब हम वर्तमान से दूर अलग दुनिया में होते है। दिमाग का दूसरा हिस्सा active होता है। creative लोगो में यह बेध्यानी उस जानकारी और experience का जरिया होती है, जो वर्तमान की वास्तविकता से नही मिलती। आइंस्टीन और न्यूटन की ये बेध्यानी जहां नये सिद्दांतो की ओर ले जाती है, वही आध्यात्मिक लोग इससे दैवीय व् आत्मिक दुनिया से सम्बन्ध बनाते है।

मन क्यूँ भटका

हम कुछ और कर रहे होते है और मन कही और होता है। विशेषज्ञों के अनुसार दिन भर में काम करते हुए 30% समय हमारा मन कही और होता है। अगर काम एकाग्रता की मांग नही कर रहा है, तो यह भटकाव 70% तक भी हो सकता है। कुछ psychologist यहाँ तक मानते है कि जब मन भटक रहा होता है, तब brain के वे हिस्से active होते है, जो आराम की अवस्था में काम करते है।

अटलांटा की एमरी यूनिवर्सिटी में हुए एक study में वैंडी हैसनकैंप काम करते समय एकाग्रता बढ़ाने के लिए mind workout की सलाह देते है। वैंडी का workout को हर रोज कामों के बीच कई बार करने को कहते है। वैंडी का workout वह है, जिसे भारतीय प्राणायाम और सांसो पर focus करना कहते है। इससे brain में सेरेब्रल कॉटेक्स हिस्सा active होता है, जिसका काम brain को इच्छित जगह में भटकने देना और भटकाव से रोकना होता है।

क्या कर सकते है हम

अपने में खोये रहना भले ही बड़ी बात नही है, लेकिन जरूरी कामो को समय पर पूरा करने और शांत रखने के लिए brain को सजग बनाते रहना जरूरी होता है।

·         ऐसी चीजों में निवेश करे जो जरूरी है, जिन्हें आप भूलना नही चाहते। एक समय में बहुत सारे काम न करे। अनावश्यक चीजों को हटाते रहें।

·         केवल अपनी memory पर भरोसा न करे। कामों की सूचीं बनाएं। जरूरी चीजो, important दस्तावेज़ के लिए एक जगह निश्चित करें।

·         यह depression और एंग्जाइटी से भी जुड़ा हो सकता है। ऐसा है तो गंभीरता से ले।

·         अपनी गडबडियों का बहुत tension न लें। अपनी क्षमताओं को समझे। हर चीज को control में रखा भी नही जा सकता।

·         नियमित अच्छा खाएं, गहरी श्वास लें, उदार बने, खुशियाँ बाटें और life में रूचि ले। दूसरो का सहयोग लेना सीखें।





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