चेहरे या body के किसी हिस्से में लम्बे
समय से बनी हुई swelling को देखकर भी अनदेखा करना
समझदारी नही है। यदि body में बार-बार पानी collect हो रहा है तो यह ह्रदय, liver या kidney की किसी problem का संकेत हो सकता है।
B.L.
Kapoor hospital के Dr. Amit Agrawal कहते है, जब body में अतिरिक्त flued यानि पानी collect हो जाता है तो body में swelling आने लगती है, जिसे ऐडिमा कहा जाता है। जब यह swelling टखनो, पैरो और टांगो में आती है तो उसे peripheral
edema कहते है। फेफड़ो की swelling पलमोनरी एडमी और आँखों के पास आने वाली swelling पेरिओर्बितल ऐडिमा कहलाती है। body के
ज्यादातर भागो में दिखायी पड़ने वाली swelling को
मैसिव ऐडिमा कहा जाता है। इस position में मसूडो, पेट,चेहरे,स्तन,लसिका ग्रंथि व् जोड़ो आदि सभी भागो पर swelling आ जाती है। ज्यादा देर तक खड़े रहने या बैठने की वजह से होने वाली swelling को orthostatic edema कहा जाता है। हल्की swelling ज्यादातर कोई बड़ी problem नही होती,लेकिन अधिक समय तक रहने वाली ज्यादा swelling गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है। पेट या body के किसी भी अंग में एक सप्ताह से ज्यादा swelling रहने पर doctor से संपर्क करना जरूरी हो
जाता है। पुरुषो की तुलना में महिलाओ में ऐसे मामले ज्यादा देखने को मिलते है। ऐसा
इसलिए भी कि पुरुषो के मुकाबले महिलाओ में बसा का अनुपात ज्यादा होता है और बसा
कोशिकाए अतिरिक्त पानी collect कर लेती है। नियमित
व्यायाम व् खान-पान में लापरवाही भी एडिमा की स्थिति को अधिक बढ़ा सकती है।
Swelling का कारण
shree
balaji action medical institute में senior
medicine consultant Dr.
Raman Sharma के अनुसार, heart से जुडी बीमारिया, kidney की problem, असंतुलित हार्मोन्स और steroid medicine के
सेवन की वजह से एडिमा की problem हो सकती है।
दरअसल इन सभी स्थितियों में हमारी kidney sodium को collect कर लेती है। हालाकि कुछ महिलाओ को मासिक धर्म के एक सप्ताह पहले भी कुछ
ऐसे ही लक्षण नजर आते है। इस दौरान estrogen hormones की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से kidney ज्यादा
पानी रोकना शुरू कर देती है। हमारा अनियमित भोजन व् जीवनचर्या भी एडिमा की बड़ी वजह
है।
चेहरे पर Swelling
इसके कई कारण हो सकते है, मसलन fluid का collect होना, चोट लगना, संक्रमण या फिर censer. यह swelling गाल, आँख व् होठो के पास भी होती है। इस तरह की swelling को medical science में facial
edima कहते है। यदि चेहरे की swelling थोड़े समय के लिए होती है तो ऐसा संक्रमण के कारण हो सकता है, पर बार-बार ऐसा होने के साथ-साथ चेहरा लाल, बुखार
या साँस लेने में परेशानी होती है तो यह गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। ऐसी
स्थिति में तुरंत doctor की सलाह लेकर पूरा उपचार
करवाए।
पैरो में Swelling
पैरो में swelling के भी कई कारण हो सकते
है, जैसे मोच, लंबी दूरी तक
सैर करना, ज्यादा देर तक खड़े रहना, व्यायाम या फिर खेल-कूद आदि। लेकिन अचानक एक या दोनों पैर में भारी swelling, लाली और गर्माहट तथा चलने-फिरने पर पैर में खिचाव जैसे लक्षण डीप वेन
थ्रोम्बोसिस(DVT) की परेशानी हो सकती है। इसमे टांगो की
नसों में खून के कतरों का जमाव होता है। अक्सर लोग अज्ञानता के कारण इसे नस में
खिंचाव,चोट, थकान, सामान्य संक्रमण या फाईलेरिया मान कर इलाज कराने लगते है। सामान्य doctor भी इसे फाईलेरिया सियाटिका अथवा नस चढ़ना मान बैठते है। फाईलेरिया के इलाज
के नाम पर कई सप्ताह तक मरीज को medicine दी जाती
है या फिर सही रोग पकड़ में न आने पर रोगी के पैर पर वजन लटकाने की सलाह दी जाती है, जिससे problem और और अधिक गंभीर हो जाती
है। पुरुषो की तुलना में महिलाए DVT की शिकार अधिक
होती है। नियमित व्यायाम न करना, गर्भ निरोधक medicine का अधिक इस्तेमाल और hormones असंतुलन के
कारण के कारण भी ऐसा होता है। लम्बे समय तक ऊँची एड़ी वाले footwear पहनने से भी यह आंशका बढ़ जाती है। पैरो में लम्बे समय तक रहने वाली swelling ह्रदय रोगों की आंशका को भी दर्शाती है।
पैरो की swelling को कम करने के लिए गर्म
पानी में नमक डालकर उसमे अपने पैरो को डुबोये। सोने से पहले पैरो की गर्म तेल से
मालिश करे। इससे swelling व् pain में कमी आएगी। प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से भी रक्त संचार नियमित होता
है, जो swelling व् pain में राहत देता है।
हाथो में Swelling
हाथो व् उंगलियों में swelling एक आम
परेशानी है, खासकर बढती आयु में जब body का metabolism घटने लगता है। तो यह problem आमतौर पर देखी जाती है। ऐसा एडियोपैथिक एडिमा के कारण होता है। ऐसे में
हाथो के कुछ सरल व्यायाम और stretching सहायक हो सकते
है। हालाकि कुछ स्थितियों में यह swelling liver व् kidney रोग का
संकेत भी होती है। इसके अतिरिक्त ह्रदय रोग, गठिया, रक्त विकार, hypothyroid, रुमेटाइड अर्थराइटिस
में यह एक important संकेत है। इस स्थिति में body के विभिन्न जोड़ो में swelling आ जाती है। skin
infection के कारण भी ऐसा होता है। सामान्य व्यायाम व् मसाज से
आराम न मिलने पर doctor से अवश्य परामर्श करे।
जीभ में swelling
जीभ में कई कारणों से swelling आ सकती है, जैसे medicine का side
effect, allergy, hormones therapy. इसे एजियोडीमा कहते है। इस
स्थिति में infection skin के भीतर गहराई में पहुच
जाता है। हमारी जीभ एपिथेलियम नाम की कोशिकाओ से बनी होती है। इसकी सतह पर बने
टेस्ट बड्स से ही हमे खट्टे, मीठे या कड़वेपन का अहसास
होता है। जब जीभ पर swelling आ जाती है तो टेस्ट
बड्स भी सूज जाते है, जिसकी वजह से साँस लेने में भी
परेशानी होती है। इस swelling की अनदेखी न करते
हुए तुरंत doctor से contact करना चाहिए।
आँखों में Swelling
आँखों की swelling ज्यादातर infection,
allergy,corneal ulcer, कन्जक्तिवाइटिस, स्टाई, टुयुमर बनने या वायरल infection के कारण होती है। आँखे body का सबसे जरूरी
व् नाजुक अंग होती है। उनके उपचार में कोई जोखिम न ले। doctor की सलाह से steroid या antibiotic
eye drops की मदद से आँखों की swelling को ठीक किया जा सकता है।
पेट में Swelling
पेट में swelling कब्ज,
gas,carbonated drinks और food allergy के कारण हो सकती है। अधिक fast व् junk
food के सेवन से भी ऐसा होता है। high processed
food में sodium की मात्रा
अधिक और fiber कम होता है, जो पेट में भारीपन और swelling का कारण बन
जाता है। इसके अलावा blood pressure, diabetes की medicine व् hormonal therapy की वजह से भी swelling देखने को मिलती है। पेट की swelling को
दूर करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। खाने के बाद अजवायन में
काला नमक मिलाकर खाने से पाचन एकदम दुरुस्त हो जाता है और swelling भी नही होती। अधिक शराब पीने वालो का liver सिकुड़ने की वजह से भी पेट पर swelling आ
जाती है। पेशाब पीला आने लगता है। ऐसे में तुरंत doctor की सलाह ले।
Swelling को कम करने के उपाय
1- green vegetable व् fruits के सेवन से vitamin B1 की कमी पूरी होती है। protein के लिए milk,soyabean व् दाल का सेवन
लाभकारी होता है। इनके सेवन से body की प्रतिरोधक
क्षमता बढती है। खून की कमी पूरी होती है, जो swelling का एक मुख्य कारण है।
2- एडिमा की स्थिति में शराब और
कैफीनयुक्त चीजो का अधिक सेवन नही करना चाहिए। इससे body में पानी की कमी
हो जाती है और पानी के अवशोषण की problem बढ़ जाती
है। herbal tea पीये। खासतौर पर अजवायन की चाय
सबसे अच्छी मानी जाती है।
3- body की जरूरत से ज्यादा
नमक का सेवन भी पानी के अवशोषण की problem को बढ़ा
सकता है। अधिक नमकयुक्त चीजो के सेवन से बचे।
4- मोटापा होने पर सबसे पहले
थोड़ा वजन घटाए। एक calorie
chart बनाये और उसके आधार पर खान-पान की सूची तैयार करे।
5- रोजाना exercise करने की habit डाले। इससे पसीने के रूप
में body का अतिरिक्त पानी निकल जाता है। skin भी अच्छी रहती है। घूमना-टहलना,तैराकी या नृत्य अपनी
सुविधानुसार आप किसी भी exercise का चुनाव कर सकते
है।
6- body की नसों, तंत्रिकाओ और मांसपेशियों के कामकाज को control करने से sodium के साथ potassium का भी योगदान होता है। potassium के लिए
रोजाना कम से कम पांच fruits और vegetable का सेवन जरुर करे। अखरोट, बादाम,मूंगफली आदि भी potassium के अच्छे स्रोत
है।
7- body में पानी के संतुलन को
बनाये रखने में vitamin B6 मददगार है। brown
rice व् red meat vitamin B6 के
अच्छे स्रोत है।
8- vitamin B5,
calcium और vitamin D swelling को कम करने में असरकारी है। नियमित रूप से कुछ देर धूप का सेवन करे।
9- खाने में calcium के स्तर की जाँच करे। रोजाना टोंड milk पिए।
दही,मछली, हरी पतेदार vegetable और अंजीर खाए।
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