गौरव को fruit खाने का बहुत शौक था। खासकर वह apple और papaya जब तब खाता रहता था। जब भी भूख
लगती, refrigerator से fruit निकाल कर खा लेता। ज्यादा भूख लगने पर उसका सलाद बना लेता। उसका ये ख्याल
था कि fruit तो fiber और vitamin से भरपूर होते है। fruit से सेहत कोई नुकसान नही। तभी अचानक एक दिन वह बीमार पड़ गया। पेट में भयंकर pain होने लगा। उसे गैस,अपच की भी शिकायत रहने लगी। काफी
इलाज हुआ। तब जाकर उसने doctor के advice पर अपना खान-पान बदला। doctor ने बताया कि
एक ही तरह के खान-पान की वजह से गौरव के body में
कई अन्य आवश्यक तत्वों की कमी हो गई थी।
यह सही है कि fruit vitamin और mineral से भरपूर होते है, पर एक की अधिकता body में दुसरे तत्वों की कमी कर देती है। पपीता पाचन के लिए बेहतर होता है, लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल कई problem भी
पैदा करता है। apple में उच्च मात्रा में fiber व् iron होता है, पर body को सिर्फ fiber की जरूरत नही होती, उसे ठोस भी चाहिए। साथ ही
बहुत अधिक fiber लेने पर toxin के साथ-साथ body के लिए उपयोगी पोषक तत्व
भी बाहर निकल जाते है। पेट सम्बन्धी दिक्कते भी होती है।
दूसरी ओर WhatsApp पर आये एक message में पानी की खुबिया जानने के बाद मानसी ने खूब water पीना शुरू कर दिया। पर कुछ समय बाद उसने महसूस किया कि वह पहले से ज्यादा
बार पेशाब जा रही है और उसे थकान भी अधिक रहने लगी है। मानसी और गौरव के उदारहण
बताते है कि जरूरत से ज्यादा कुछ भी खाना-पीना body को नुकसान ही पहुचाता है, फिर भले ही वह पोषक
तत्व ही क्यों न हो। पोषक तत्व भी एक आदर्श मात्रा में body में पहुचने पर ही फायदेमंद रहते है।
Protein
protein मांशपेशियो के निर्माण और मरम्मत के लिए जरूरी है। बढ़ते बच्चो के लिए इसकी
अधिकता बेहद जरूरी है। पर उम्र बढने के साथ-साथ protein को अधिक मात्रा में लेने से kidney को भी अतिरिक्त मेहनत करनी
पडती है। लम्बे समय तक high protein diet से heart और liver रोगों का खतरा बढ़ता है। कुछ खास
तरह के protein bones की सेहत पर भी असर डालते है।
गठिया और kidney की
परेशानी से जूझ रहे लोगो को खास ध्यान रखने की जरूरत है। दाले,अंडा,milk,soyabean,मटर, chicken,टूना,पनीर व् मूंगफली के अच्छे स्रोत है।
क्या है सही मात्रा
protein की मात्रा body की सक्रियता व् work
out पर depend करती है।
सामान्य तौर पर भोजन से मिलने वाली कुल calorie का
कम से कम 10 प्रतिशत और अधिक से अधिक 30 प्रतिशत हिस्सा protein से आना चाहिए। आहार विशेषज्ञ से राय लेना बेहतर रहता है।
Tea
tension कम करने और आलस दूर भगाने में tea से मदद
मिलती है, लेकिन इस पेय की लत लगने में देर नही लगती।
इसलिए संभव है कि अगर आपको दिनभर में 2 कप चाय पीने की आदत है तो यह आदत खुद ब खुद
6 cup में बदल जाएगी। दरअसल चाय में कैफीन होता है, जो पाचन शक्ति को कमजोर करने के साथ खीज, चिडचिडेपन, अनिद्रा और मूड स्विंग के लिए जिम्मेदार होता है। सामान्य चाय के मुकाबले
टीबैग वाली चाय ज्यादा नुकसान पहुचाती है, इसलिए टीबैग
वाली चाय को कुछ क्षण पानी में रखने के बाद तुरंत निकाल देना चाहिए। यदि आप मानते
है कि green tea तो कितनी भी पी जा सकती है तो भी
ध्यान देने की जरूरत है। अधिक green tea का सेवन body में dehydration कर सकता है।
क्या है सही मात्रा
दिन में 2 cup से ज्यादा चाय न पीये। चाय के cup के size पर भी ध्यान दे। cup जितना बड़ा होगा, चाय उतना पी जाएगी। इसलिए cup छोटा ही ले। green tea भी दिनभर में चार cup से अधिक न ले। अगर आप चाय की दुकान आदि पर चाय पीते है तो थोडा और सतर्क
हो जाये, क्योकि वहा बिकने वाली चाय के दो cup बार-बार उबलने के कारण छह cup चाय के
बराबर साबित होते है।
Vitamin
बिना सलाह vitamin supplement और फोर्टीफाईड fruit का सेवन करते है तो ध्यान दे। body में
अधिक vitamin थकावट,चक्कर व्
आलस पैदा कर सकते है। जैसे अधिक vitamin-c या जिंक, उल्टी,डायरिया और मरोड़ का कारण बन सकते है। selenium की अधिकता acidity और बाल गिरने का कारण
बन सकती है। vitamin-d की अधिकता से heart गति अनियमित होती है। लम्बे समय तक vitamin-A,D,E और K की अधिकता toxin बढ़ा देती है। पर आमतौर पर उचित मात्रा में fruit व् vegetable का सेवन body में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति कर देता है।
Fiber
fruit-vegetable
fiber यानि रेशो से भरपूर होते है। इन्हे पर्याप्त मात्रा में
खाने से कब्ज और gas सम्बन्धी परेशानिया कम होती
है। कब्ज, अपच और मोटापे के शिकार लोगो को खासतौर पर fiber युक्त चीजे खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन यह
भी सच है कि लम्बे समय तक ऐसी अधिक चीजे खाना पेट में ऐठन, अपच और acidity कर सकता है। डायरिया का
खतरा भी बढ़ सकता है।
क्या है सही मात्रा
एक healthy
person को हर रोज 25 से 35 gram fiber यानी कोई भी 2 fruit, दो कटोरी सब्जी और
एक कटोरी सलाद खाना चाहिए। हर रोज बदल-बदल कर fruit-vegetable खाना फायदेमंद रहता है।
Water
बहुत अधिक water पीने को हाइपोनेटिमिया कहते
है। जल्दी-जल्दी व् एक साथ बहुत सारा पानी से blood में अधिक अधिक sodium घुलने लगता है, फ्लूड रक्त से cell में जाने लगता है, जिससे उलझन, भ्रम, सूजन
और सिरदर्द हो सकता है। बार-बार पेशाब जाना और उल्टी अधिक पानी पीने के लक्षण है।
यह भी ध्यान रखे कि अन्य खाध पदार्थ भी पानी की पूर्ति करते है।
क्या है सही मात्रा
दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी की जरूरत होती है। मौसम भी
पानी पीने की क्षमता पर असर डालता है। इतना पानी अवश्य पिए कि पेशाब का रंग पीला न
हो जाये।
इन बातो का रखे ध्यान
1- soyabean में protein अधिक होता है, जबकि cholesterol बिलकुल भी नही होता। बावजूद इसके ज्यादा सोया खाने से सेहत को नुकसान
पहुंच सकता है। विभिन्न शोधो के मुताबिक इसे ज्यादा खाने से women के body में estrogen का स्तर प्रभावित हो सकता है, men में भी
इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ सकता है। thyroid वालो को भी soyabean की मात्रा का ध्यान
रखना चाहिए।
2- किसी भी fruit या vegetable को हर रोज ज्यादा मात्रा में
खाना कई तरह की परेशानिया लाता है। जैसे जरूरी नही कि vitamin-A के बेहतरीन स्रोत माने जाने वाले पपीते या गाजर का ज्यादा सेवन body को फायदा ही पहुचाये। दरअसल ये fruit बीटा
कैरोटिन से भरपूर होते है। body का पाचनतंत्र इनमे
मौजूद बीटा-कैरोटिन को vitamin-A में तब्दील कर
देता है, लेकिन body अपनी
जरूरत के मुताबिक ही vitamin-A लेता है। बाकि बचा
अतिरिक्त vitamin-A system में ही रह जाता है, जिसकी वजह से धीरे-धीरे हथेलिया और तलुए पीले पड़ने लग जाते है। इसे
कैरोटनेमिया कहते है। बीटा-कैरोटिन से भरपूर अन्य चीजे आलू, कुम्हड़ा,पालक और ब्रोकली अधिक खाने से भी
कैरोटनेमिया हो सकता है।
3- olive oil दिल की बीमारी के
खतरे को कम करता है, पर इसे जरूरत से ज्यादा हाईप देना
सही नही। सभी तरह के तेलों का संतुलन जरूरी है। सरसों, सूरजमुखी, मूंगफली भी इस्तेमाल करते रहे। एक दिन में दो से तीन चम्मच जैतून का तेल
काफी है।
4- विभिन्न शोधो के मुताबिक
सूखे मेवो का जरूरत से ज्यादा सेवन पाचन क्रिया बिगाड़ सकता है। इससे allergy भी हो सकती है, इसलिए सूखे मेवे खाते समय
मात्रा पर ध्यान दे। एक स्वस्थ व्यक्ति के खानपान में सूखे मेवो की आदर्श मात्रा
उसकी दिनचर्या पर depend करती है। अधिक शारीरिक
श्रम न करने वालो के लिए नियमित 10-12 दानो का सेवन पर्याप्त है। बादाम व् किशमिश
रात में भिगोकर सुबह खाना अच्छा रहता है। मेवे तल कर नमक लगा कर नही खाने चाहिए।
डाइटीशियन नेहा यादव और निधि पांडेय के अनुसार
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