group discussion(GD) में किसी गलती की आशंका से कम बोलना या फिर चुप रहना उचित नही है। पहले
कभी GD में मिली नाकामी से डर कर नई कोशिश न करना भी गलत है।
अगर कभी असफलता मिली है तो उससे सबक लेने की जरूरत है। जो लोग अपनी गलतियों से
सीखते है और उन्हें न दोहराने का संकल्प लेते है, सही मायनों
में तरक्की उन्हें ही मिलती है। GD कई क्षेत्र की job
के लिए उम्मीदवारों की screening का important
चरण है। आठ से बारह के बीच अपनी बात को रखना हर किसी के लिए आसान
नही होता। ऐसे में गलतियों का होना स्वाभाविक है, लेकिन इसका
यह अर्थ यह नही है कि गलती हो जाने की आशंका से GD में कम
बोला जाये या फिर चुप ही रहा जाये। GD में सफल होना है तो इन
बातो को जानते है-
Discussion में देर से शामिल न हो
GD के
लिए सीमित समय दिया जाता है। इसी समय में सभी उम्मीदवार को अपने विचार रखने होते
है। ऐसे में यदि आप यह सोचकर बैठे रहते है कि पहले सामने वाला person बोले, इसके बाद मै अपने विचार रखूँगा तो समझ ले कि
आप अपनी बारी का इंतजार ही करते ही रह जायेगे। इस सीमित समय को अपनी पारी के
इंतजार ही करते रह जायेगे। इस सीमित समय को अपनी पारी के इंतजार में खोने से अच्छा
है, मौका तलाशकर बोलना। GD में discussion
की शुरुआत करने वाले को हमेशा लाभ मिलता है, इसलिए
कोशिश करे कि GD में सबसे पहले या दुसरे नंबर पर ही बोले।
यहाँ जो person सबसे अंत में बोलता है, उसके लिए यह माना जाता है कि उसने सभी को सुनने के बाद अपने विचार बनाये
है। और वह जो कुछ भी बोल रहा है, वो उसके अपने विचार नही है।
GD में मिलने वाले पांच से दस minute में
to the point बोलने का प्रयत्न करे।
Language नही, विचारो पर जोर दे
group discussion है तो फरार्टेदार English ही बोलनी पड़ेगी, ऐसी मान्यता ठीक नही है। हां यह सही है कि कुछ संस्थान सिर्फ English
में ही group discussion का आयोजन करते है। English
कमजोर है, इस बात को दिल से लगाकर निराश होने
या आत्मविश्वास कम करने की जरूरत नही है। कई बड़े संगठन ऐसे भी है, जो language को नही, बल्कि
उम्मीदवार के विचारो को अहमियत देते है। वे हिंदी या English, दोनों ही language में अपनी बात रखने का मौका देते
है। इसका फायदा उठाते हुए आप अपनी मजबूत पकड़ वाली language में
विचार रखकर बाजी को अपने हक में कर सकते है।
खुद
को कम न समझे
discussion में खुद को दूसरे से कम आंकना सही नही है। यह सोचकर अपना आत्मविश्वास कम न
करे कि सामने वाला उम्मीदवार कद-काठी, look, smartness या
बोलचाल में आपसे बढकर है। यह जरूरी नही है कि जो person आपसे
ज्यादा smart नजर आ रहा है, वह अपनी
बात भी उतनी ही smartness के साथ रखेगा। GD में success पूरी तरह से timing, आत्मविश्वास, विचारो की स्पष्टा,
presentation और सही Technic पर depend
करती है, न कि इस बात पर कि आप कैसे दिख्रते
है।
दूसरो
की बात न काटे
group discussion में हर कोई बहुत ही आक्रामक तरीके से अपनी बात रखता है, लेकिन यहाँ एक सीमा में रहकर ही आक्रामक होना चाहिए। सामने वाला person
अगर गलत बोल रहा है तो इसका यह मतलब बिलकुल नही है कि आप उस पर हावी
हो जाए या आक्रोश में अनाप-शनाप बोलने लगे। यदि किसी person में
बड़ी ही मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा है तो उस person की बातो
की बातो को सीधे-सीधे काटना या उसे गलत ठहराना उचित नही है। ऐसा व्यवहार करना
शिष्टाचार और अनुशासन के भी खिलाफ है। ऐसी परिस्थिति में आप कह सकते है कि इस
मुद्दे पर मेरा नजरिया आपसे अलग है। फिर अपने दिमाग की रचनात्मकता का प्रयोग करते
हुए अपने विचारो को रखे।
इस
दौरान उन पहलुओ पर भी प्रकाश डाले, जहां आपका नजरिया पहले बोलने वाले उम्मीदवार की
बातो से अलग हो। ऐसा करने से सामने वाले को बुरा भी नही लगेगा और GD की निर्णायक मंडली की नजर में आपका प्रदर्शन भी बेहतर हो जायेगा।
बातो
को न दोहराए
अपनी
बारी आने पर दूसरो की कही बातो को दोहराना हमेशा negative effect छोड़ता है। इससे नियोक्ता को लगता है
कि आप वही विचार रख रहे है, जिसे वह कुछ समय पहले ही सुन
चुके है। GD का purpose किसी subject
या मुद्दे पर नये तथ्यों और नये नजरिये को सामने लाना होता है। अगर
आपके बोलने से यह उद्देश्य ही पूरा नही होगा तो निश्चित रूप से आपका बोलना व्यर्थ
हो जायेगा।
उतावलापन
न दिखाए
group discussion में नियोक्ताओ पर अपना effect डालने के लिए यह जरूरी
नही है कि discussion में सबसे पहले बोला जाये। पहले नंबर पर
बोलने की हडबडी में मन में जो आये, उसे बिना सोचे-विचारे
बोलना भी negative effect छोड़ता है। ध्यान रहे यहाँ घबराहट
में कुछ भी या ज्यादा बोलना हमेशा ही आपके प्रदर्शन के प्रतिकूल होता है, इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए। इसके अलावा कुछ लोग अपनी बात कहने में इतना
उतालवापन दिखाते है कि अक्सर मुद्दे से भटक जाते है। GD में
जितना हो सके, कम शब्दों में, स्पष्ट
और प्रभावशाली ढंग से अपनी बातो को रखे। इससे दुसरे उम्मीदवार को आपकी बातो को
काटने के लिए कोई ठोस आधार नही मिल सकेगा।
सफलता
मिलेगी ऐसे
GD में
यह मानकर जाए कि यहा आप कुछ खोने नही जा रहे है। GD में इस
इस सोच के साथ जाये कि यदि success रहे तो बहुत अच्छा,
पर यदि असफल रहे तो भी कुछ experience लेकर तो
जरुर लौटेगे। यही सोच और आत्मविश्वास आपको सफलता दिलायेगे।
देश-दुनिया
की खबर
GD में
अक्सर current affairs के topic होते
है। इसलिए बीते कुछ समय में देश-दुनिया में क्या घटा है या फिर क्या कुछ घट रहा है,
इसकी पूरी और सही जानकारी रखे। साथ ही उड़ मुद्दे के reference
में अपनी एक राय भी बना ले। GD में जाने से दस
दिन पहले की खबरों पर खास नजर रख कर आप बड़े आराम से GD में success
हो सकते है।
Active रहे
GD में success
होने के लिए आपका proactive यानि सक्रिय होना
बहुत आवश्यक है। कोशिश करे कि discussion की शुरुआत और उसके
समापन का मौका आपको ही मिले।
No comments:
Post a Comment