हम सबने यह महसूस किया होगा कि office की meetings
में प्रत्येक दिन काफी वक्त लगता है। कभी-कभी तो काम से
ज्यादा समय meetings
में ही गुजर जाता है। ऐसी meetings का purpose
ऐसी meetings का purpose company
या organisation के कामकाज से सम्बंधित
नीतियों को तैयार करने से लेकर उनके implementation में
आने वाली problem का समाधान तलाशना होता है। इसके अलावा output
और productivity बढाने जैसे मामलो के
लिए भी meetings होती है। हालाकि यह भी सच है कि कई बार
ऐसी meetings दिशाविहीन होती है और बिना किसी हल के
समाप्त हो जाती है।
meetings में जाने से पहले करे तैयारी
प्रत्येक meetings का एजेंडा पहले से तय होता है और meetings
से कई दिन पहले उसमे भाग लेने वाले कर्मियों को यह सर्कुलेट किया
जाता है, इसलिए समय रहते एजेंडे में निहित item के बारे में अधिक से अधिक जानकारिया प्राप्त करने का प्रयास करना
चाहिए। संभव है कि आपके द्वारा निर्वहन किये जा रहे कार्यकलापो पर ही meetings
आधारित हो। ऐसे में आपको समस्त update तैयार
रखना चाहिए। पिछले कार्यो की detail के अतिरिक्त वर्तमान
में जारी कार्यो और भावी कार्यकलापो की रूप-रेखा भी अपने साथ अवश्य रखनी चाहिए।
अगर किसी project या problem की वजह
से meetings आयोजित की जा रही हो तो आपको भरसक प्रयास
करना चाहिए कि अपनी तरफ से भी आप कोई हल प्रस्तुत कर सके या कम से कम सुझाव देने
की स्थिति में हो।
बना सकते है Impression
meetings को कुछ लोग चाय-पानी या गपशप की जगह मान
बैठते है। वे ये नही समझ पाते कि कोई ऐसी management नही
होगी, जो मोटा वेतन देकर समय व्यर्थ करने के लिए अपने staff
को meetings में बुलाएगी। ये भी ध्यान
रखे कि कई बार meetings की recording भी होती है और उसे management देखता भी है।
ऐसे गैर जिम्मेदाराना behaviour का आपको नुकसान भी उठाना
पड़ सकता है, इसलिए meetings को
अवसर की तरह ले और अपनी काबिलियत तथा योग्यता का परिचय देने का प्रयत्न करे।
दुसरो की important बातो
को सराहे
अगर आपको किसी वक्ता की कोई बात या सुझाव पसंद आये
तो उसकी बेहिचक तारीफ करे। किसी junior की कोई advice मूल्यवान
हो तो बाकायदा उसका नाम लेकर उसे श्रेय दे।
Personal झगड़ो का अखाड़ा न बनाये
अगर किसी वक्ता की कोई बात आपको चुभ जाए या
जाने-अनजाने में कोई personal comment कर बैठे तो बेहतर यही रहेगा कि
उसके साथ किसी बहस में न उलझे। यकीन मानिए गर्मागर्मी का माहौल बनाने से किसी तरह
का positive परिणाम नही निकलता, बल्कि
नुकसान ही होता है।
सम्मानजनक तरीके से रखे अपनी
बात
अपनी बात कहते समय meetings के chairmen और अन्य वक्ताओ के प्रति सम्मान प्रकट करे। यदि आपसे सम्बंधित कोई बात
है तो वक्ता की बात खत्म होने पर chairmen से अनुमति
मांगकर अपनी बात रखे। बातचीत में चालू शब्दों और भाषा का प्रयोग न करे। भरसक कोशिश
करे कि बिना सबूत या साक्ष्यो के किसी भी वक्ता की बात को न काटे। प्रत्येक मुद्दे
पर राय देने से भी बचना चाहिए। जोर-जोर से से बोलना या मेज पर हाथ मारते हुए अपनी
बात मनवाने जैसी हरकते तो कतई न करे, पर यह भी आवश्यक है
कि आवाज इतनी बुलंद हो कि सभी तक पहुचे। बातो में confidence भी झलकना चाहिए और कम शब्दों में पूरी बात रख देनी चाहिए। दोहराव से
बचे और सरल भाषा तथा profession से सम्बंधित terminology
का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करे। अगर कोई जिज्ञासा है तो उसे meetings
के अंतिम समय के लिए बचा कर न रखे। बीच में chairmen की अनुमति से इसे सबके सामने रखने में कोई बुराई नही है। यदि जरूरी है
तो अपनी बात power point presentation के जरिये रखे,
पर इसे नीरस तरीके से न बनाये। इस क्रम में आकड़ो की बाजीगिरी
दिखाने से भी बचे। इसका अच्छा impression नही पड़ता। अपनी
उपलब्धियों या सफलता का बखान करने के क्रम में team work को
नजरअंदाज न करे। उनकी भूमिका का उचित उल्लेख जरुर करे, लेकिन
अपने senior या junior की complain
meetings में न करे। यह ऐसी बातो के लिए उपयुक्त मंच नही है।
कैसी हो Body Language
1- चुस्त-दुरुस्त और अलर्ट दिखे। आपके personality में किसी तरह का
आलस्य या बोझिलपन नही झलकना चाहिए।
2- chair पर बिलकुल सीधे होकर
अन्य member के बराबर की उचाई पर बैठे।
3- chair पर पसर कर बैठना, बार-बार पहलू बदलना, पैर पसार कर बैठना
इत्यादि से यह पता चलता है कि आपका ध्यान meeting में नही
है।
4- दोनों हाथ सामने टेबल पर रखे।
5- भूलकर भी किसी की ओर ऊँगली दिखाकर इशारा या बाते
न करे।
कुछ सामान्य Tips
1-meeting वाले दिन formal
कपड़े पहने।
ज्यादा colour या तडक-भड़क
वाले वस्त्र तो बिलकुल न पहने। shirt के बटन बंद हो।
2-meeting शुरू होने से 10 minute
पहले confess hall में अवश्य पहुच जाये।
साथ में notepad और pen रखे। points
note करते रहे।
3-meetings में अपने साथ सारे
आवश्यक papers या reports ले
जाना न भूले।
4-वक्ताओ की बात ध्यान से सुने।
5-बेवजह की टोका-टाकी करने से
बचे।
6-meetings शुरू होने से पहले mobile
off कर दे या silence मोड में डाल दे।
7-बार-बार mobile सन्देश न पढ़े, न जवाब दे।
8-phone सामने meeting
table पर न रखे। इससे आपका और सहकर्मियों का ध्यान भटकता है।
9- अगर कोई बहुत जरूरी call हो तो confess room
से बाहर जाकर संक्षिप्त बातचीत करे।
10- ऊँघना, अंगुलिया चटकाना, पैर हिलाना,इधर-उधर देखना या साथ बैठे person
से व्यक्तिगत बाते करना आदि meeting के
डेकोरम के विरूद्ध होता है। ऐसा न करे।
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