आहार
विशेषज्ञों की मानें तो भोजन का test बढ़ाने वाले मसाले health को भी दुरुस्त रखते है।
इनके चिकित्सीय गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते है और उदासी को भी आपसे दूर रखते
है।
लाल
मिर्च
weight कम
करने का प्रभावी तरीका ढूंढ रहे है? अपने खाने को सूखी लाल
मिर्च से मसालेदार बनाएं। america की परड्यू university
के एक study के अनुसार, लाल
मिर्च खाने से न सिर्फ भूख नियंत्रित रहती है, बल्कि भोजन के
बाद calorie की खपत भी अधिक होती है। मिर्च में मौजूद
कैपसोनिन तत्व भूख को कम करता है और body के ताप को बढ़ाता
है। सामान्य स्थितियों में energy की खपत अधिक होती है।
मिर्च काटने की बजाय उसे साबुत ही इस्तेमाल में लाना चाहिए, इससे
मिलने वाला स्वाद प्रक्रिया के लिए अधिकतम लाभकारी होता है।
लौंग
भारत, इंडोनेशिया, ब्राजील व् फिलीपींस में लौंग का उत्पादन काफी बड़े स्तर पर होता है। लौंग
का इस्तेमाल भोजन की खुशबू और flavor दोनों को बढ़ाता है।
लौंग का तेल दर्द को कम करता है। खासतौर पर दांत के दर्द में इससे आराम मिलता है।
जुकाम व् जी मिचलाने की स्थिति में लौंग को चूसना या गर्म पानी में उबालकर लेना
तुरंत राहत देता है। लौंग वाली चाय infection व् पाचन
सम्बन्धी गडबडियों में राहत देती है। लौंग antibiotic गुणों
से भी भरपूर है।
हल्दी
infection से लड़ने में इस मसाले का जवाब नही। हल्दी को पीला रंग देने में सहायक
करक्यूमिन तत्व को anti-oxidant से भरपूर व् swelling
कम करने के खास गुणों के लिए जाना जाता है। ‘The american
journal of cardiology’ में प्रकाशित एक study के अनुसार बाइपास के मरीजों में हल्दी में मौजूद यह element heart
attack की आशंका को रोक सकता है। सही मात्रा में इसे लेना heart
को health रखता है। एक दिन में 1 ग्राम हल्दी
पर्याप्त है। हल्दी को bones की सेहत के लिए भी फायदेमंद
माना जाता है। इतना ही नही हल्दी के सेवन से सेरोटोनिन hormones बनता है, जो ख़ुशी का एहसास कराता है।
सौंफ
सौंफ
के दानों में iron,phosphorus,calcium,
magnesium और zinc प्रचुरता में होता है। वर्ष
2013 में ‘यूरोपियन सोसाइटी ऑफ़ ह्यूमन रिप्रोडक्शन एंड
एंब्रियोलॉजी कांफ्रेस’ में पेश एक report में सौंफ के दानों को पीरियड्स से पहले होने वाले pain यानी प्रीमेंस्टुअल सिंड्रोम में राहत देने में प्रभावी माना है। आहार
विशेषज्ञों के अनुसार सौंफ के दानों और उसके अर्क में iron व्
calcium होता है, जिसे आठ सप्ताह तक
नियमित सेवन करने से मेन्सटुअल दर्द कम होता है।
दालचीनी
आयुर्वेद
व् चीनी medicine में इसे इस्तेमाल किया जाता है। इसे दर्द व् swelling कम करने में प्रभावी माना जाता है। सामान्य जुकाम में दालचीनी व् अदरक की
चाय पीना काफी राहत देता है। ‘जौर्नेल ऑफ़ द अकादमी ऑफ़
न्यूट्रीशन एंड डायटिटिक्स’ में प्रकाशित study के अनुसार प्रतिदिन 6 ग्राम दालचीनी का सेवन अगले दो घंटे में रक्त शर्करा
को 25% तक कम करता है। इससे मधुमेह की आशंका कम होती है। चौथाई छोटी चम्मच दालचीनी
powder से blood glucose काबू में रहता
है और insulin लेवल में सुधार होता है।
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