Tuesday, January 5, 2021

New Year में Life के लिए Promise

New Year में Life के लिए Promise

 


New Year आ गया है और इस मौके पर आपने अपनी life को बेहतर बनाने के लिए कुछ ना कुछ promise जरुर लिए होगे। कुछ लोग healthy रहने से जुड़ी habits, जैसे कि smoking छोड़ने, weight घटाने, stress management आदि का संकल्प लेते है और तो कुछ life में success हासिल करने का। new year happy और positivity के साथ शुरू होता है, लेकिन ज्यादातर लोग कुछ हफ्तों बाद ही अपने promise से पीछे हट जाते है और life फिर से पुराने ढर्रे पर चलने लगती है।

मेरा खयाल है कि promise इसलिए पूरे नही हो पाते, क्योंकि वे date के हिसाब से तय किये जाते है। जिन problem के कारण हम promise लेते है, उनका समाधान निकालने की तरफ हमारा ध्यान नही जाता। और यही चीजें हमारी नाखुशी की वजह बनती है। burger-pizza और cold drink लेकर हम कुछ देर अच्छा महसूस करते है, लेकिन क्या इससे हमारी मुश्किलें हल हो जाती है? अगर हम सतही तौर पर चीजों को ठीक करने के लिए promise लेते है तो उनको टूटना ही है।

सबकी सोच ऐसी ही होती है, ये मैं नही कह सकती। पर, अपने experience से इतना जरुर कह सकती हूँ कि मेरे दुःख और दुःख से उबरने की तमाम कोशिशों के पीछे अलग-अलग तरह की problem है-

1-  मैं अतीत में डूबी रहती हूँ या future के लेकर चिंतित रहती हूँ

2-  दूसरों की उपलब्धियों और उनकी perfect नजर आने वाली life से अपनी life की तुलना करती रहती हूँ।

3-  समय बर्बाद होने को लेकर मैं चिंतित रहती हूँ या इस बात को लेकर कि मैं अब तक कुछ खास नही कर पाई।

4-  मैं या तो खुद को पीड़ित के तौर पर देखती हूँ या दूसरों के लिए खुद को बलिदान करने वाली हर चीज के लिए मैं दूसरों को दोष देती हूँ।

5-  negativity मेरे मन में घर करती जा रही है।

6-  मैं चाहती हूँ कि life में ऐसा मुकाम आये, जहां इन problem का अंत हो जाए।

चूँकि हम तमाम तरह की मुश्किलों से जूझते है, इसलिए मेरे मन में इस तरह के भाव आते ही है, लेकिन हम अपनी life को बेहतर बनाने के लिए कुछ option पर जरुर काम कर सकतें है। यहाँ हम अपनी सोच बदलने की जरूरत है ताकि हम गलत habits की तरफ फिर से लौटने को मजबूर ना हो जाएँ।

Promise का Option

असंतुष्टि के भावों को दबाने के बजाय हम ये खुले तौर पर accept करें कि हम happy चाहतें है और happy life में आती-जाती रहती है। हम उसे कैद करके नही रख सकते। किसी तरह की medicine या ध्यान हमारी मनोस्थिति को नही बदल सकता। जब वक्त नाजुक होगा तो उसका असर भी स्वाभाविक तौर पर होगा ही। हम ये जरुर कर सकते है कि हम दुखी रहने का ratio थोड़ा कम कर दें।

हम ये समझना सीखें कि किस समय हमारे भीतर tension उपज रहा है और और वही से हम खुद को वापस खींच लें। ज्यादा वक्त लेने और मुश्किल लगने वाले उपायों को अपनाने की बजाय हम वे सारे काम करें, जो हमें ज्यादा सरल लगते है। पहली बात यह है कि हम खुद को positive बनाएं।

बढ़ाएं खुशियों का अनुपात

मैं सालों से कुछ चीजों पर काम करती आ रही हूँ, जिससे मैं संतुष्ट रहती हूँ और life को अर्थपूर्ण तरीके से देख पाती हूँ। मैंने कई गलत habits छोड़ दी है, जैसे कि smoking, ज्यादा खा लेना या शिकायत करते रहना। इन चीजों के लिए हमें विशेष रूप से सजग होने की जरूरत पड़ती है। तारीख के बारे में बिना सोचे आज से ही कुछ खास बातों पर ध्यान दिया जा सकता है-

असहज करने वाले क्षणों को पहचानें

चाहें घर से जुड़ी कोई स्थिति हो, job हो, सम्बन्ध हो, हर जगह कभी ना कभी हमें दुःख होता है और अर्थहीनता का बोध होने लगता है। उन पलों में छोटे ही सही, लेकिन ऐसे काम करें, जिससे आपको तुरंत अच्छा महसूस हो। ये accept करें कि आप एक ऐसा काम तो कर ही सकते है, जिससे आपके मन का भाव बदल जाये और आप खुद को सशक्त महसूस करें।

धीरे-धीरे बढ़ाएं कदम

खुद से बहुत ज्यादा ही उम्मीद मत रखें, लेकिन साहस बनाये रखें। अपने रास्ते पर आगे बढ़ते हुए आपके भीतर हिम्मत भी आ जाएगी और छोटी-छोटी success के साथ future की तस्वीर भी स्पष्ट होने लगेगी। ये बदलाव झट से नही होगा, लेकिन ये आपमें धैर्य विकसित करने में मदद करेगा।

सजग रहने से बनेगी बात

कुछ खास तरह की स्थितियां हमें परेशानियों में डालती है-मसलन किसी साथी के साथ गपशप, ज्यादा देर तक काम, नींद पूरी नही होना या बहुत ज्यादा शराब पी लेना। जो चीजें आपको दुःख देती है, उन्हें नोट करें और उन्हें कम करने की कोशिश करें। एक-एक करके उन पर काम करें। आप इन परेशानियों को पूरी तरह से खत्म नही कर सकते, लेकिन इन्हें बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

Tension बढे तो ये उपाय करें

कई बार एक लम्बा अन्तराल मुश्किलों में ही गुजरता है। चाहे office में काम का बोझ या घर की जिम्मेदारियां, इनसे दुखी या परेशान होने की बजाय ये सोचें कि आप इनसे दुखी या परेशान होने की बजाय ये सोचें कि आप अपनी positivity से ही खुद को सामान्य बना सकते है। खुद से कहें कि बेहतर life आपका हक है और ये आपको मिलनी ही चाहिए। इसके लिए आपको जिन चीजों की जरूरत है, उसकी व्यवस्था करें।

अगर काम से break लेना हो तो या बाहर घूमने जाना हो तो ये काम जरुर करें। कभी-कभार मज़बूरी हो सकती है, पर हर बार अपनी इन इच्छाओं को टाले नही।

यह सच है कि हर साल की तरह आप इस साल भी कुछ नई चुनौतियों या बाधाओं का सामना करेगें, लेकिन ये भी जान लें कि खुश रहना ही आपका परम लक्ष्य है और इसकी शुरुआत रोजमर्रा के छोटे-छोटे कार्यो से हो जाती है.


# इस article के writer लॉरी डेशने है, जो writer और टाइनी बुद्धा की संस्थापक है. life की जटिलताओं को simple तरीके से रखने में यकीन.


Tags:  गर हो खुद पर विश्वास      Pain को दें थोड़ी मोहलत    Lockdown Life Experience




 

 

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