गुरुनानक साहब के पास एक आदमी गया और उसने कहा बताईये
गुरूजी जीवन का मूल्य क्या है?
गुरुनानक ने उसे एक Stone दिया और कहा, जा और इस stone का मूल्य पता करके आ, लेकिन ध्यान रखना stone को बेचना नही है।
वह आदमी stone को बाज़ार में एक संतरे वाले के पास
लेकर गया और संतरे वाले को दिखाया। और बोला,”इसकी कीमत क्या
है?”
संतरे वाला चमकीले stone को देखकर बोला, ”12 संतरे ले जा और इसे मुझे दे जा”
वह आदमी संतरे वाले से बोला गुरु ने कहा है इसे बेचना नही
है।
और एक सब्जी वाले के पास गया, उसे stone दिखाया। सब्जी वाले ने उस चमकीले stone को देखा और
कहा, “एक बोरी आलू ले जा इस stone को
मेरे पास छोड़ जा।“
उस आदमी ने कहा, मुझे इसे बेचना नही है,
मेरे गुरु ने मना किया है।
आगे एक सोना बेचने वाले सुनार के पास गया उसे stone दिखाया
सुनार उस चमकीले stone को देखकर बोला,” 50 लाख में बेच दे।“ उसने मना कर दिया तो सुनार बोला
“2 करोड़ में दे दे या बता इसकी कीमत जो मागेगा वह तुझे दूंगा
तुझे।
उस आदमी ने सुनार से कहा मेरे गुरु ने इसे बेचने से मना
किया है।
आगे हीरे बेचने वाले एक जौहरी के पास गया उसे stone दिखाया।
जौहरी ने जब उस बेशकीमती रूबी को देखा, तो पहले उसने रूबी के
पास एक लाल कपड़ा बिछाया फिर उस बेशकीमती रूबी की परिक्रमा लगाईं और माथा टेका। फिर
जौहरी बोला,” कहा से लाया है ये बेशकीमती रूबी।
“सारी कयानत, सारी दुनिया को बेचकर भी इसकी कीमत नही
लगाईं जा सकती है ये तो बेशकीमती है।“
वह आदमी हैरान परेशान होकर सीधे गुरु के पास आया। अपनी आप
बीती बताई और बोला “अब बताओ गुरूजी मानवीय जीवन का मूल्य क्या है।“
गुरुनानक बोले,” तूने पहले stone को संतरे वाले को दिखाया उसने इसकी कीमत 12 संतरे बताई।
आगे सब्जी वाले के पास गया उसने इसकी कीमत 1 बोरी आलू बताई।
और जौहरी ने इसे बेशकीमती बताया।
अब ऐसे ही तेरा मानवीय गुण है। तू बेशक हीरा है लेकिन सामने
वाला तेरा आकलन अपनी औकात अपनी जानकारी और अपनी हैसियत और मकसद से लगाएगा। घबराओ
मत दुनिया में तुझे पहचानने वाले भी मिल जायेगे।
“इसलिए हर आदमी में अपना एक मानवीय गुण होता है। इसलिए उसको अपने को किसी
से कम नही आकलन नही करना चाहिए और अपना self respect करना
सीखना चाहिए। प्रत्येक person इस world में अपने में unique person होता है और उसकी जगह
अन्य कोई person नही ले सकता है। इसलिए प्रत्येक person
को अपने पर believe करना चाहिए। इस world
के प्रत्येक को चाहिए कि किसी भी person का
अनादर न करे।“
Amit Gupta
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