कुछ वर्ष पहले तक
भारतीय जीवन बीमा क्षेत्र में सरकारी company का एकाधिकार था, लेकिन निजी क्षेत्र
को बीमा की अनुमति मिलने के बाद यहाँ career के अवसर पनपने लगे है। National Skill
Development Corporation (NSDC) के एक अनुमान के अनुसार 2022 तक भारत में banking,
financial services व insurance sector में करीब 16 लाख अतिरिक्त कुशल कर्मचारियों
की जरूरत होगी। मौजूद समय में insurance sector की मांग के हिसाब से पेशेवरों की
आपूर्ति नही हो पा रही है। हालाँकि लम्बे इंतजार के बाद केंद्र सरकार की ओर से
बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा को 26% से बढ़ाकर 49% करने
के बाद से इस क्षेत्र में संभावनाएं तेजी से बढ़ी है। आज विश्व में जिन पांच प्रमुख
career option का बोलबाला है, उनमें बीमा क्षेत्र भी शामिल है।
मौजूद हालात जगा रहे उम्मीद
फिक्की एंड बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCJ) की पूर्व में प्रकाशित
report के अनुसार insurance industry का premium income 2020 तक बढ़कर 350-400 अरब
के करीब हो जायेगा। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) की वार्षिक
report 2015-16 के अनुसार भारत में बीमा बाज़ार के अंतगर्त 53बीमा company हैं,
जिनमे से 24 जीवन बीमा व्यवसाय में है और 29 गैर जीवन बीमाकर्ता है। साथ ही इसका
जीडीपी में 3.44% का योगदान रहा है। बिड़ला, बजाज, टाटा रिलायंस जैसी company के इस
क्षेत्र में कूदने से यह बाज़ार करोड़ो का हो चुका है।
एक्चुरियल साइंस से मिल रही रफ्तार
एक्चुरियल साइंस इंश्योरेंस एवं फाइनेंस इंडस्ट्री में सांख्यिकी एवं
गणितीय विधियों द्वारा सामने आने वाले जोखिमों को दूर करता है। उत्पादों की वृद्धि
को सूचीबद्ध करने, उनका मूल्य निर्धारण, जोखिम का आकलन और दायित्व प्रबंधन के लिए
क्लेम तय करने का जिम्मा इन्हीं का होता है। एक्चुरी बनने के लिए student का
एक्चुरियल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया (ASI) का फेलो मेम्बर होना जरुरी है। यह संस्थान
इसमें courses भी कराता है।
बीमा क्षेत्र में Career के कुछ पक्ष
1- एक समय के बाद अच्छी आमदनी
2- बीमा सबकी जरूरत की चीज
3- चुनौतीपूर्ण एवं tension भरा कार्य
4- जागरूकता की कमी होने से दिक्कतें
5- फेलोशिप तक का रास्ता कठिन
खुद को ढालें मांग
के मुताबिक
यह एक ऐसा पेशा हैं,
जिसमें job के दौरान कई तरह के गुणों को आत्मसात करना पड़ता है। मसलन, उसे बदलते समय के
साथ खुद को update करने, लोगों की परेशानी को समझने, नई तकनीक सीखने में हिचकिचाहट
न होने, संवाद के साथ मैथ व स्टेटिस्टिक्स पर पकड़ मजबूत रखने जैसें गुणों का होना
जरुरी है। इस क्षेत्र में जाने के इच्छुक युवाओं के लिए कई स्तर के courses मौजूद
है, जैसे PG diploma in risk and insurance management, बीएससी इन एक्चुरियल साइंस
व MBA in insurance आदि। course के पश्चात् कुछ संस्थाएं छात्रों को membership व
fellow membership प्रदान करती है, जिसमें ICAI, ICWAI, IFAI, ASI आदि शामिल है।
अपनी योग्यता के आधार पर आप एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर एंड असिस्टेंट, development
officer, insurance agent, insurance surveyor, एक्चुरी, risk management जैसे
पदों पर काम करते है।
इन चुनौतियों के लिए तैयार रहें
अभी तक जो स्थिति नजर आ रही है, उसके अनुसार graduate के लिए इसमें
अपार संभावनाएं है। पर दूसरा पहलू यह है भी है कि degree के बावजूद आसानी से job
नही मिल रही है। इसकी प्रमुख वजह graduates की कमजोर तर्क और संवाद क्षमता व
marketing सरीखे कार्यों में अप्रक्षित होना है। प्रशिक्षण संस्थानों ने इसे ध्यान
में रखते हुए course में कुछ बदलाव भी किये है, ताकि market की मांह के अनुसार
पेशेवर तैयार हो सकें। बीमा क्षेत्र की company व policy पर नजर रखने के लिए गठित
इरडा की परीक्षा पास करने के बाद ही किसी company में बीमा agent बना जा सकता है।
इरडा के जरिये इसके पेशवरों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।
Job के लिए Option की कमी नही
इसमें वैसे तो ज्यादातर job ग्रेजुएशन के बाद ही मिलती है, लेकिन
बारहवी के बाद भी insurance agent बनकर career की शुरुआत की जा सकती है। आजकल कई
ऐसे पेशेवर है, जो insurance and banking में MBA करके आ रहे है। एक्चुरियल साइंस
में स्नातक करने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। उनके सामने job पाने के अच्छे अवसर
है। इसके अलावा जनरल बीमा में भी भारत में बहुत अवसर है। इसमें insurance market,
banking sector, फाइनेंसियल एनालिसिस फर्म, BPO/KPO, IT sector, multinational
company आदि में job की भरमार है। health insurance के क्षेत्र में कई बड़ी company
भारत आ रही है। insurance BPO नये जमाने का उभरता हुआ क्षेत्र है।
कुछ प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान
1- delhi university
2- birala institute of
management technology, new delhi
3- एक्चुरियल सोसाइटी ऑफ़
इंडिया, मुंबई
4- नर्सी मुंजी institute ऑफ़
management स्टडीज, Mumbai
5- RNIS college of
insurance, new delhi
6- institute of insurance
and risk management, Hyderabad
7- एमिटी स्कूल ऑफ़ insurance
एंड एक्चुरियल साइंस, noida
आंकड़ो में बीमा क्षेत्र
1- बीते वितीय वर्ष में जीवन
बीमा का अंश 55.6% था। इरडा की वार्षिक report 2015-16 की मानें तो जीवन बीमा
व्यवसाय में 88देशों में भारत का स्थान 10वां है।
2- स्वास्थ्य बीमा के
क्षेत्र में 2015-16 की अवधि के दौरान 21.7% की रफ्तार से सालाना वृद्धि हुई है।
3- 24%-30% व्यापारी ही
सम्पति का बीमा (फायर एवं थेप्ट insurance) करवाते है।
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