मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण बवासीर की समस्या
होती है। इसके कारण गुदे में सूजन हो जाती है। लेकिन आयुर्वेदिक औषधियों को अपनाकर
बवासीर से छुटकारा पाया जा सकता है।
1 बवासीर का Ayurvedic Treatment
बवासीर बहुत ही पीड़ादायक रोग है। इसका pain असहनीय होता है। बवासीर मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के
कारण विकसित होता है। बवासीर दो तरह की होती है, अंदरूनी और बाहरी। अंदरूनी बवासीर में नसों की
सूजन दिखती नहीं पर महसूस होती है, जबकि बाहरी बवासीर में यह सूजन गुदा के बिलकुल
बाहर दिखती है। बवासीर को पहचानना बहुत ही आसान है। मलत्याग के समय मलाशय में
अत्यधिक पीड़ा और इसके बाद रक्तस्राव, खुजली इसका लक्षण है। इसके कारण गुदे में सूजन
हो जाती है। आयुर्वेदिक औषधियों को अपनाकर बवासीर से छुटकारा पाया जा सकता है।
2 Fiber युक्त Food
अच्छे पाचन क्रिया के लिए fiber से भरा आहार बहुत जरूरी होता है। इसलिए अपने आहार में
रेशयुक्त आहार जैसे साबुत अनाज, ताजे
fruit और हरी vegetable
को शामिल करें। साथ ही फलों के रस की जगह फल खाये।
3 छाछ
बवासीर के मस्सों को दूर करने के लिए
मट्ठा बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए करीब दो लीटर छाछ लेकर उसमे 50 ग्राम
पिसा हुआ जीरा और स्वादानुसार salt मिला दें। प्यास लगने पर water के स्थान पर इसे
पीये। चार दिन तक ऐसा करने से मस्से ठीक हो जायेगें।
इसके अलावा हर रोज दही खाने से बवासीर होने की संभावना कम होती है। और बवासीर में
फायदा भी होता है।
4 त्रिफला
आयुर्वेंद की महान देन त्रिफला से हम सभी
परिचित है। इसके चूर्ण का नियमित रूप से रात को सोने से पहले 1-2 चम्मच
सेवन कब्ज की समस्या दूर करने मेंं मदद करता है। जिससे बवासीर में राहत मिलती
है।
5 जीरा
छोटा सा जीरा पेट की समस्याओं बहुत काम
का होता है। जीरे को भूनकर मिश्री के साथ मिलाकर चूसने से फायदा मिलता है। या आधा
चम्मच जीरा powder को एक गिलास water
में डाल कर पियें। इसके साथ जीरे को पीसकर मस्सों पर लगाने से भी
फायदा मिलता है।
6 अंजीर
सूखा अंजीर बवासीर के इलाज के लिए एक और
अद्भुत आयुर्वेदिक उपचार हैं। एक या दो सूखे अंजीर को लेकर रात भर के लिए गर्म water में भिगों दें। सुबह खाली पेट इसको खाने से फायदा होता
है।
7 तिल
खूनी बवासीर में blood को रोकने के लिए 10 से 12 gram धुले हुए काले तिल को लगभग एक gram
ताजा butter के साथ लेना चाहिए। इसे लेने से
भी बवासीर में blood आना बंद हो जाता है।
8 हरीतकी
हरड़ के रूप में लोकप्रिय हरीतकी कब्ज को
दूर करने का एक बहुत अच्छा आयुर्वेदिक उपाय है। हरीतकी चूर्ण आधा से एक चम्मच, रात को
गुनगुने water से लेने से या
गुड़ के साथ हरड खाने से बवासीर की समस्या से निजात मिलता है।
9 बड़ी इलायची
लगभग 50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रखकर भूनते हुए जला
लीजिए। ठंडी होने के बाद इस इलायची को पीस चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को नियमित रूप
से सुबह water के साथ खाली
पेट लेने से बवासीर की समस्या ठीक हो जाती है।
10 आंवला
आयुर्वेद में आंवले को बहुत महत्ता प्रदान
की गई है, जिससे
इसे रसायन माना जाता है। यह body में आरोग्य शक्ति को बढ़ाता है।आंवला पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
बवासीर की समस्या होने पर आंवले के चूर्ण को सुबह-शाम honey के साथ पीने से फायदा होता है।
11 नीम
नीम के छिलके सहित निंबौरी के powder को प्रतिदिन 10 gram रोज सुबह रात में रखे water के साथ सेवन कीजिए, इससे बवासीर में फायदा होगा। इसके अलावा नीम का तेल मस्सों पर लगाने और इस
तेल की 4-5 बूंद रोज पीने से बवासीर में लाभ होता है।
12 गुलाब की पंखुडियां
बवासीर में blood की problem को दूर करने के लिए बहुत
ही अच्छा आयुर्वेदिक उपचार है। इसके लिए थोड़ी सी गुलाब की पंखुडी को 50 मिलीलीटर
water में कुचल कर तीन 3 दिन
खाली पेट लेना चाहिए। लेकिन ध्यान रहें इस उपचार के साथ केले का सेवन न करें।
13 इसबगोल
इसबगोल की भूसी, गलत खान-पान से उपजी व्याधियों को दूर करने की
एक ऐसी ही अचूक, प्राकृतिक और चमत्कारिक औषधि है। इसबगोल भूसी का
प्रयोग करने से से अनियमित और कड़े मल से राहत मिलती है। इससे कुछ हद तक पेट भी
साफ रहता है और मस्सा ज्यादा दर्द भी नही करता। रात को सोने से पहले एक या दो
चम्मच इसकी भूसी को दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है।
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