Sunday, September 23, 2018

Current GK October 2018 Part-2



11 September

1-      भूदान आन्दोलन के प्रणेता और गाँधीवादी नेता विनोबा भावे का जन्म 11 September 1895 को महाराष्ट्र में हुआ था

2-      स्वामी विवेकानंद ने 11 September 1893 को शिकागो (अमेरिका) में आयोजित विश्व धर्म महासभा में ऐतिहासिक भाषण दिया था। उन्होंने कहा था, “मैं ऐसे एक ऐसे धर्म से हूँ जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया।

3-      11 September, 1911 को जन्मे पूर्व cricketer लाला अमरनाथ टेस्ट शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज थे।

4-      11 September 2001 को आतंकी संगठन अल-कायदा ने न्यूयार्क (अमेरिका) स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर, राजधानी वाशिंगटन डी.सी. और पेन्सिल्वेनिया में हमले किये थे जिनमे 3,000 लोग मारे गये थे।

5-      गुजरात के वड़ोदरा में बने देश के पहले राष्ट्रीय रेल तथा परिवहन विश्वविधालय ने काम करना शुरू कर दिया है।

6-      सैमसंग ने दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल एक्सपीरियंस सेन्टर बेंगलूर (कर्नाटक) में शुरू किया है जिसका नाम ‘Samsung' opera house’ रखा गया है।

12 September

1-      12 September 1959 को सोवियत संघ (अब रूस) ने लूना-2 या लुनिक-2 अंतरिक्षयान launch किया था जो चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला पहला यान था

2-      भारतीय पेसर झूलन गोस्वामी 300 अंतर्राष्ट्रीय wicket लेने वाली पहली महिला गेंदबाज बन गई है।

13 September

1-      8 बार के ओलम्पिक champion उसेन बोल्ट ने दो प्रतिभागियों को पछाडकर एयरबस जीरो-जी प्लेन (शून्य गुरुत्वाकर्षण) में रेस जीत ली है

2-      HDFC life ने अपनी कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) विभा पडलकर को MD व CEO बनाया है।

14 September

1-      चंडीगढ़ निवासी मान कौर (102) ने स्पेन में हुई world masters एथलेटिक्स championships में 100-104 वर्ष के आयु वर्ग में 200 मीटर रेस का स्वर्ण पदक जीता है

2-      पहले टी-20 विश्व कप में 14 September, 2007 को भारत-पाकिस्तान के बीच पहली बार टी-20 खेला गया था, जिसके ट्राई पर खत्म होने के बाद बाल-आउट से विजेता का फैसला हुआ था।

3-      सोवियत संघ (अब रूस) द्वारा launch किया गया लूना-2 अंतरिक्षयान चंद्रमा की सतह पर 14 September 1959 को पहुंचा था और वह ऐसा करने वाला पहला यान था।

4-      देशभर में 14 September को हिंदी दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन साल 1949 में सविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा बनाने का फैसला किया था।

15 September

1-      इंजिनियर और मैसूर के दीवान रहे एम.विश्वेश्वरैया का जन्म 15 September 1861 को कर्नाटक में हुआ था और इसी अवसर पर भारत में engineers day मनाया जाता है

2-      स्टूडियो और ट्रांसमीटरो के मामले में दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण संगठनों में से एक दूरदर्शन की स्थापना 15 September, 1959 को हुई थी।

3-      भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की बहन विजयलक्ष्मी पंडित 15 September 1953 को संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी थी।

16 September

1-      देश की सबसे बड़ी बीमा company LIC के पूर्व chairmen एस.बी.माथुर को इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सर्विसेज (IL and FS) का नया गैर-कार्यकारी chairmen नियुक्त किया है

2-      पूर्व पेट्रोलियम मंत्री सत्यप्रकाश का 84 वर्ष की उम्र में सुबह दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।

3-      पोलैंड के सिलेसियन ओपन boxing tournament में पांच बार की विश्व champion भारतीय मुक्केबाज मैरीकाम (48 किलोग्राम भार वर्ग) ने साल का अपना तीसरा स्वर्ण पदक जीत लिया है।

4-      इसरो ने PSLV-C42 rocket की मदद से दो ब्रिटिश satellite NovaSAR और S1-4 सफलतापूर्वक launch कर दिए और 12 April के बाद ऐजेंसी का पहला mission है।

17 September

1-      प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 September 1950 को लागू हुआ था और उसी साल 26 जनवरी को भारत का संविधान लागू हुआ था

2-      गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर 5.5 किलोमीटर लम्बे ‘स्मार्ट फेंसिंग’ पायलट project की शुरुआत की।

3-      आजाद भारत की पहली महिला IAS officer अन्ना राजम मल्होत्रा (91) का निधन हो गया

18 September

1-      18 September 1950 को हैदराबाद में जन्मी अभिनेत्री शबाना आजमी ने सर्वाधिक 5 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है

2-      अभिनेत्री भाग्यश्री के बेटे अभिमन्यु दस्सानी और राधिका मदान द्वारा अभिनीत film ‘मर्द को दर्द नही होता’ ने 43वें टोरंटो international film festival में ‘मिडनाइट मैडनेस’ session का peoples choice award जीता है।

19 September

1-      केन्द्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक से सम्बंधित अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसके तहत केवल पीड़िता या किसी सगे सम्बन्धी द्वारा शिकायत करने पर ही इसे अपराध मन जायेगा।

2-      युवराज ने 19 September, 2007 को टी-20 विश्व कप के match में england के पेसर स्टुअर्ट ब्रांड के गेंदबाजी पर एक over में 6 छक्के लगाने वाले इकलौते गेंदबाज है।

3-      जर्मनी ने दुनिया की पहली hydrogen train launch की है जिससे कार्बन डाई ऑक्साइड नही बल्कि सिर्फ वाष्प निकलती है।

4-      19 September 1965 को ओहायो (अमेरिका) में जन्मी सुनीता विलियम्स ने अन्तरिक्ष में 322 दिन बिताये जो  किसी महिला द्वारा अन्तरिक्ष में बिताई गई दूसरी लम्बी अवधि है।

20 September

1-      20 September 1946 को फ़्रांस में पहले कान्स film महोत्सव का आयोजन हुआ था। इसका आयोजन पहले September 1939 में प्रस्तावित था लेकिन द्धितीय विश्व युद्ध शुरू होने के कारण यह टल गया था।

2-      ब्रिटिश engineer मैट डेंटन ने सवारी करने योग्य दुनिया का सबसे बड़ा हेक्सापॉड ( 6 पैरों वाला) रोबोट ‘मैंटिस’ बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है।

3-      गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यौन शोषण, रेप/गैंगरेप और child pornography से सम्बंधित online content की शिकायत के लिए ‘cyber crime reporting portal’ launch किया।

4-      कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने डी.पुरंदेश्वरी को सरकारी विमानन company air india में गैर-आधिकारिक स्वतंत्र निदेशक बनाने की मंजूरी दे दी है।




   






  




Saturday, September 15, 2018

इंतजार करना छोड़ें

motivational article


जैसे ही आप किसी चीज का इंतजार करना छोड़ देते है, कोई काम कैसे होगा, उसके बारे में सोचना बंद कर देते है, तब जिन्दगी आपके लिए कई नए दरवाजे खोल देती है। कई बेहतरीन अवसर आपके लिए बांहे फैला कर खड़े हो जाते है और life जीवंत हो जाता है।

जैसे ही मैंने खुद से, अपनी जिन्दगी से और दूसरों से किसी चीज की अपेक्षा करना छोड़ दिया, तबसे मैं जिन्दगी को महसूस करने लगी और... बस जिन्दगी जीने लगी। बदले में मेरी जिन्दगी ने अद्धुत रास्तों और अवसरों के द्वार खोल दिए, जिनसे मैं पूरी तरह बेखबर थी। कारण, तब मैं और चीज के इंतजार में थी।

मैंने किसी भी चीज का इंतजार करना छोड़ दिया। और यही क्षण था, जब मेरी आत्मा बिलकुल हल्का और मुक्त महसूस करने लगी। यह ऐसा था, जैसे मैंने life जीना शुरू कर दिया और इस बारे में बिलकुल सोचना छोड़ दिया कि कैसे जीना चाहिए।

मैंने दूसरों से किसी चीज-सम्मान, दयालुता, जिम्मेदारी या प्रशंसा- की अपेक्षा करना छोड़ दिया है। मैंने अपने partner से भी किसी चीज के लिए उम्मीद करना छोड़ दिया है। मैंने life से अपने लिए कुछ भी माँगना छोड़ दिया है। साथ ही मैंने कल का इंतजार करना भी बंद कर दिया है कि यह आने वाला दिन बहुत अच्छा होगा और मेरी सारी problems को दूर कर देगा।

अगर आप सोचते है कि मेरे पास कोई योजना नही है तो आप गलत है। मेरे पास योजनायें है, लेकिन वे उन अवसरों की तुलना में बहुत तुच्छ जान पड़ती है,  जो जिन्दगी ने मेरे लिए अपने दामन में छुपा रखें है। बस शर्त इतनी है कि प्रत्येक चीज को काबू करने और हर चीज कैसे होनी चाहिए, इस पर मैं अपने विचार थोपना छोड़ दूँ।

मेरे दिमाग में हमेशा यह विचार रहता था कि ‘हर चीज कैसे होनी चाहिए’। मेरा दिमाग उस विचार को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम करता था। मैं हमेशा सारे ‘कैसें’ के सटीक उत्तर चाहती थी- इसे कैसे करें, इसके बारें में कैसे बताएं, अनजान लोगों से कैसे पूछें, कैसे बेहतर लिखें, कैसे ज्यादा पैसे अर्जित करें, कोई चीज कैसे होने जा रही है, कैसे वहां जाएँ.. आदि आदि। मुझे इसकी जरूरत इसलिए होती थी, ताकि मैं सब कुछ पर control पा संकू। गलती होने के जोखिम को खत्म कर दूँ। ‘कैसे’, यह प्रश्न मेरी परछाई बन गया। सबसे मजेदार बात यह है कि जब भी आवश्यकता होती थी, मुझे जवाब नही मिल पाते थे। मुझे उत्तर तब मिले, जब मैनें ‘कैसें’ के बारे में सोचना छोड़ दिया। problem यह थी कि मैं हर चीज का जवाब अग्रिम जान लेना चाहती था। कोई चीज इस तरह फलीभूत नही होता।

सब कुछ सर्वश्रेष्ठ कर लेने की मनोग्रंथि से थक जाने के बाद मैंने क्रांति को घटित होने दिया:

1-  इसे होने दो, जैसे यह होने वाला है।

2-  बस शुरू कर दो और आप पता चल जायेगा कि आपको क्या और कैसे करना चाहिए।

3-  जब आपको जवाब की जरूरत होगी, वह मिल जायेगा।

4-  जब कोई चीज वैसे ही होगी, जैसे उसे होना चाहिए। उसे अपने लिए सर्वश्रेष्ठ तरीके से होने दीजिये।

5-  हर चीज को आदर्श तरीके से करने के चक्कर में न पड़ें।

क्या होता है जब इंतजार करना बंद कर देते है

सबसे पहले मैं अब अपने भीतर की आवाज सुनती हूँ। मैं पहले भी ऐसा करती थी, लेकिन तब उसे ‘कैसे’ किया जाए, इसकी पूरी योजना बनाये बगैर मैं खुद को उसे अमलीजामा पहनानें नही देती थी। अब मैं अपने विचारों को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया में उनका हल पा लेती हूँ।

दूसरा, पहले मैं योजना बनाने और तैयारी करने में ज्यादा समय देती थी। यह हैरान करने वाला है, पर अब मैं ज्यादा काम करती हूँ। ज्यादा बेहतर ढंग से करती हूँ।

तीसरा, अब मैं उसी चीज का उत्तर खोजती हूँ, जो उस पल के लिए आवश्यक होता है। मैं ना कहना सीख गयी हूँ, बगैर इस परवाह के कि लोग क्या कहेगे।

चौथा, अब मेरी जिन्दगी में कई रोमांचक चीजें है। अब मैं सब कुछ के चक्कर में पड़ने के दौर से बाहर निकल गयी हूँ और यब सब मेरी तरफ से बिना कोई अधिक प्रयास किये हो जाता है। पहले मैं किसी चीज के होने का इंतजार करती थी। अब मैं मौका देखती हूँ और कुछ करती हूँ। मैं केवल अब प्रतिक्रिया नही देती।

पांचवां, अब मैं कई मजेदार लोगों से मिलती हूँ। मैंने इस बारे में सोचना बंद कर दिया है कि उनसे कैसे मिला जाए और कहां मिला जाएँ। अब मैं लोगो से हर जगह परिचय करती हूँ। लोगो पर विश्वास करना सीख गयी हूँ।

अब चीजें मेरी जिन्दगी में आनी शुरू हो गई है। यहाँ तक कि वो चीजें भी, जो मेरे मजबूत इरादों के बावजूद फलीभूत नही होती थी। यह सब कुछ बहुत सरल है। अब मैं जीवन के प्रवाह, इसकी धारा और विविधता को महसूस कर पाती हूँ।





# इस article के writer ‘लेसली वो’ स्वतंत्र blogger, private educator, और content writer है।








Monday, September 10, 2018

General Science सामान्य विज्ञान- 1



Blood (रक्त)

1-  blood एक शारीरिक तरल है जो रक्त वाहिनियों के अंदर विभिन्न अंगो में लगातार बहता रहता है। रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होने वाला यह गाढ़ा, कुछ चिपचिपा, लाल रंग का द्रव्य, एक जीवित ऊतक है।

2-  रक्त प्लाज्मा और रक्त कणों से मिल कर बनता है। प्लाज्मा वह निर्जीव तरल माध्यम है जिसमें रक्त कण तैरते रहते है। प्लाज्मा के सहारे ही ये कण सारे body में पहुंच पाते है और वह प्लाज्मा ही है जो आंतो से शोषित पोषक तत्वों को body के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है और पाचन क्रिया के बाद बने हानिकारक पदार्थो को उत्सर्जी अंगो तक ले जा कर उन्हें फिर साफ़ होने का मौका देता है।

3-  रक्तकण तीन प्रकार के होते है, लाल रक्त कणिका, श्वेत कणिका और प्लैतलैट्स।

4-  लाल रक्त कणिका श्वसन अंगो से ऑक्सीजन ले कर सारे body में पहुंचाने का और CO2 को body से श्वसन अंगो तक ले जाने का काम करता है। इनकी कमी से रक्ताल्पता (अनीमिया) का रोग हो जाता है।

5-  श्वैत रक्त कणिका हानिकारक तत्वों तथा बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से body की रक्षा करते है।

6-  प्लैतलैट्स रक्त वाहिनियों की सुरक्षा तथा blood बनाने में सहायक होते है।

7-  मनुष्य-शरीर में करीब पांच लिटर blood विधमान रहता है। लाल रक्त कणिका की आयु कुछ दिनों से लेकर 120 दिनों तक की होती है। इसके बाद इसकी कोशिकाएं तिल्ली में टूटती रहती है। परन्तु इसके साथ-साथ अस्थि-मज्जा में इसका उत्पादन भी होता रहता है। यह बनने और टूटने की क्रिया एक निश्चित अनुपात में होती रहती है, जिससे body में blood की कमी नही हो पाती।

8-  मनुष्यों में रक्त ही सबसे आसानी से प्रत्यारोपित किया जा सकता है। एटीजंस से रक्त को विभिन्न वर्गों में बांटा गया है और रक्तदान करते समय इसी का ध्यान रखा जाता है।

9-  blood का प्रमुख कार्य है: उत्तको को oxygen पहुंचाना, प्रतिरक्षात्मक कार्य, body pH control करना एवं उत्सर्जी पदार्थो को बाहर करना जैसे- यूरिया Co2, lactic acid.

तंत्रिका तंत्र (Nervous System)

1-  तंत्रिका तंत्र के द्वारा विभिन्न अंगो का control और अंगो और वातावरण में सामंजस्य स्थापित होता है। तंत्रिकातंत्र में मस्तिष्क, मेरुरज्जु और इनसे निकलनेवाली तंत्रिकाओं की गणना की जाती है।

2-  तंत्रिका कोशिका, तंत्रिका तंत्र की रचनात्मक एवं क्रियात्मक अन्य कोशिकाएं मिलकर तंत्रिका तंत्र के कार्यो को सम्पन्न करती है। इससे प्राणी को वातावरण में होने वाले परिवर्तनों की जानकारी प्राप्त होती है।

3-  पौधों तथा एककोशिकीय प्राणियों जैसे अमीबा इत्यादि में तंत्रिका तंत्र नही पाया जाता है। हाइड्रा, प्लेनेरिया, तिलचट्टा आदि बहुकोशिकीय प्राणियों में तंत्रिका तंत्र पाया जाता है। मनुष्य में सुविकसित तंत्रिका तंत्र पाया जाता है।

4-  तंत्रिका तंत्र के दो मुख्य भाग किये जाते है: केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क, मेरुरज्जु) और परिधीय तंत्रिका तंत्र (कपालीय तंत्रिकाए, मेरुरज्जु की तंत्रिकाएं) ।

प्रजनन तंत्र (Reproductive System)

1-  प्रजनन तंत्र का कार्य संतानोत्पत्ति है। प्राणिवर्ग मात्र में प्रकृति ने संतानोत्पत्ति की अभिलाषा और शक्ति भर दी है। जीवन का यह प्रधान लक्षण है।

2-  प्राणियों की निम्नतम श्रेणी, जैसे अमीबा नामक एककोशी जीव, जीवाणु तथा virus में प्रजनन या संतानोत्पत्ति ही जीवन का लक्षण है। निम्नतम श्रेणी के जीवाणु अमीबा आदि में संतानोत्पत्ति केवल विभाजन (direct division) द्वारा होती है। एक जीव बीच में से संकुचित होकर दो भागों में विभक्त हो जाता है। कुछ समय पश्चात् यह नवीन जीव भी विभाजन प्रारम्भ कर देता है।

3-  ऊँची श्रेणियों के जीवों में nature ने नर और मादा body ही पृथक कर दिए है और उनमें ऐसे अंग उत्पन्न कर दिए है जो उन तत्वों या अणुओं को उत्पन्न करते है, जिनके संयोग से माता-पिता के समान नवीन जीव उत्पन्न होता है, प्रथम अवस्था में यह डिम्ब (ovum) कहलाता है और फिर आगे चलकर गर्भ या भ्रूण (foetus) कहा जाता है। इसको धारण करने के लिए भी मादा शरीर में एक पृथक अंग बनाया गया है, जिसको गर्भाशय (Uterine) कहते है।

4-  समस्त स्तनपायी (mammalia) श्रेणी में, जिनमें मनुष्य भी एक है, नर में अंडग्रंथि, शुक्राशय और शिश्न गर्भ को उत्पन्न करनेवाले अंग है। स्त्री body में इन्हीं के समान अंग डिम्बग्रंथि, डिम्बवाही नलिका और गर्भाशय है। योनि भी प्रजनन अंगो में ही गिनी जाती है, यद्दपि वह केवल एक मार्ग है।

5-  जनन (Reproduction) द्वारा कोई जीव (वनस्पति या प्राणी) अपने ही सदृश किसी दूसरे जीव को जन्म देकर अपनी जाति की वृद्धि करता है। जन्म देने की इस क्रिया को जनन कहते है। जनन जीवितों की विशेषता है। 

ज्ञानेन्द्रियां (Sensory System)

1-  ज्ञानेन्द्रियां वातावरण के परिवर्तनों को ग्रहण करने वाले अंगो को कहते है। आँख, कान, नाक, जीभ, त्वचा प्रमुख ज्ञानेन्द्रियां है। आँख का सम्बन्ध दृष्टि से है। नाक द्वारा सूंघकर किसी वस्तु की सुगंध को ज्ञात किया जा सकता है। जीभ पर उपस्थित स्वाद कलिकाओं से भोजन के स्वाद की जानकारी प्राप्त होती है।

2-  आँख या नेत्र जीवधारियों का वह अंग है जो प्रकाश के प्रति संवेदनशील है। यह प्रकाश को संसूचित करके उसे तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा विधुत- रासायनिक संवेदों में बदल देता है। उच्चस्तरीय जन्तुओं की आँखें एक जटिल प्रकाशीय तंत्र की तरह होती है जो आसपास के वातावरण से प्रकाश एकत्र करता है, मध्यपट के द्वारा आँख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की तीव्रता का control करता है, इस प्रकाश को लेंसों की सहायता से सही स्थान पर ध्यान करता है (जिससे image बनता है) इस image को विधुत संकेतों में बदलता है, इन संकेतों को तंत्रिका कोशिकाओं के माध्यम से मस्तिष्क के पास भेजता है।

3-  कान श्रवण प्रणाली का मुख्य अंग है। कान वह अंग है जो ध्वनी का पता लगाता है, यह न केवल ध्वनी के लिए एक ग्राहक (receiver) के रूप में कार्य करता है, अपितु body के संतुलन और स्थिति के बोध में भी एक प्रमुख भूमिका निभाता है। “कान” शब्द को पूर्ण अंग या सिर्फ दिखाई देने वाले भाग के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है। बाह्यकर्ण श्रवण प्रक्रिया के कई कदमो में से सिर्फ पहले कदम पर ही प्रयुक्त होता है और body को संतुलन बोध कराने में कोई भूमिका नही निभाता। कशेरुकी प्राणियों में कान जोड़े में सममितीय रूप से सिर के दोनो ओर उपस्थित होते है। यह व्यवस्था ध्वनी स्रोतों की स्थिति निर्धारण करने में सहायक होती है।

4-  नाक रीढ़धारी प्राणियों में पाया जाने वाला छिद्र है। इससे हवा body में प्रवेश करती है जिसका उपयोग श्वसन क्रिया में होता है। नाक द्वारा सूंघकर किसी वस्तु की सुगंध को ज्ञात किया जा सकता है।

5-  जीभ मुख के तल पर एक पेशी होती है, जो भोजन को चबाना और निगलना आसान बनाती है। यह स्वाद अनुभव करने का प्रमुख अंग होता है, क्योंकि जीभ स्वाद स्वाद करने का प्राथमिक अंग है, जीभ की उपरी सतह पेपिला और स्वाद कलिकाओं से ढंकी होती है। जीभ का दूसरा कार्य है स्वर control करना, यह सवेंदनशील होती है और लार द्वारा नम बनी रहती है, साथ ही इसे हिलने-डुलने में मदद करने के लिए बहुत सारी तंत्रिकाएं तथा रक्त वाहिकाएं मौजूद होती है।


6-  skin body का बाह्य आवरण होती है। चूँकि यह सीधे वातावरण के contact में आती है, इसलिए skin रोगजनकों के खिलाफ body की सुरक्षा में एक बहुत ही important भूमिका निभाती है। इसके अन्य कार्यों में जैसे तापावरोधन (insulation), तापमान विनियमन, संवेदना, vitamin-D का संश्र्लेषण और vitamin-b फोलेट का संरक्षण करती है। बुरी तरह से क्षतिग्रस्त skin निशान उत्तक बना कर चंगा होने की कोशिश करती है। यह अक्सर रंगहीन और वर्णहीन होता है।